देवरिया कांड से दहला पूर्वांचल

युगवार्ता    21-Oct-2023   
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उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में 2 अक्टूबर को सत्य प्रकाश दुबे समेत उनके परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या कर दी गई थी। दो अलग-अलग जातियों से जुड़े होने के कारण यह नरसंहार अब राजनीतिक रंग ले चुका है।

उत्तर प्रदेश के देवरिया
एक पुरानी कहावत है, जर, जमीन, जोरू जोर की, नहीं तो किसी और की। जर यानि धन या सोना और जोरू यानि पत्नी के बारे में ये कहावत सच हो या न हो, पर जमीन के मामले में तो यह कहावत बहुत हद तक सटीक बैठती है। खास कर उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से करीब 30 किलोमीटर दूर पश्चिम में रुद्रपुर तहसील के भलुअनी ब्लॉक के फतेहपुर गांव का लेहड़ा टोला इस समय पुलिस की छावनी में तब्दील हो गया है। वजह गांव के बाहरी इलाके में स्थित दस बीघा जमीन है। जमीनी विवाद में पहले एक हत्या हुई फिर बदले में पांच और लोगों को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया। दिन दहाड़े हुए इस नृशंस हत्याकांड से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई।
बीते 2 अक्टूबर की सुबह रुद्रपुर थाना क्षेत्र के फतेहपुर गांव के लेड़हा टोला में पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद्र यादव की हत्या से गुस्साए परिजनों ने सत्यप्रकाश दुबे के घर पर धावा बोल दिया था। हमलावरों ने महज 20 से 25 मिनट में पूरे परिवार को मौत की नींद सुला दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद सभी हमलवार मौके से फरार हो गए। बताया जा रहा है कि सत्यप्रकाश के भाई ने अपने हिस्से की दस बीघे जमीन प्रेमचंद्र को दे दी थी। प्रेमचंद्र उसकी जमीन जोत-बो रहे थे। इसी को लेकर दोनों में विवाद चल रहा था। सत्यप्रकाश ने इस मामले में कोर्ट केस भी कर रखा था। साल भर पहले विवादित जमीन की पुलिस और राजस्व टीम की मौजूदगी में पैमाइश भी हुई थी। लेकिन विवाद कम नहीं हुआ।
ऐसे में बीते दिन सत्यप्रकाश और प्रेमचंद्र के बीच फिर से कहासुनी हो गई। इसके कुछ समय बाद प्रेमचंद्र की लाश मिली। ये देखकर प्रेमचंद्र के परिजनों का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने सत्यप्रकाश के घर पर हमला कर दिया। 50 से अधिक लोग हाथ में लाठी-डंडा, धारदार हथियार और बंदूक लिए लेड़हा टोला में दाखिल हुए और सत्यप्रकाश दुबे और उनके परिवार के पांच लोगों की हत्या कर दी। मृतक सत्यप्रकाश दुबे की बेटी शोभिता द्विवेदी की तहरीर पर 302, 307, 504 जैसी गंभीर धाराओं में हमलावरों पर केस दर्ज किया गया है। इसमें 27लोग नामजद हैं जबकि 50 अज्ञात हैं। पुलिस ने अभी तक कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है। उनसे पूछताछ भी कर रही है।
वहीं, दूसरी तरफ मृतक प्रेमचंद्र यादव के चाचा ने भी रुद्रपुर कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवाई है। जिसमें 5 लोगों को नामजद किया गया हैं। पूरे गांव में भारी पुलिस बल की तैनाती है। दो कंपनी पीएसी भी तैनात है। हालात तनावपूर्ण हैं लेकिन शांति बनी हुई है। बता दें कि मृतक सत्यप्रकाश दुबे की बेटी शोभिता की शादी हो चुकी है। घटना के वक्त वह अपने ससुराल में थी। इसके अलावा सत्यप्रकाश का एक बेटा सर्वेश भी कथा कराने बलिया गया हुआ था। इसलिए वो भी जीवित बच गया। हमले में एक बेटा गांधी गंभीर रूप से घायल हुआ है, जिसका गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है।
बहरहाल, राजनीतिक आरोपों प्रत्यारोपों से हटकर बात करें तो प्रदेश में राजस्व से जुड़े अधिकारियों की भारी कमी ने जमीन संबंधी विवादों के समयबद्ध निपटारे को मुश्किल बना दिया है। देवरिया हत्याकांड के बाद योगी सरकार ने हर जिले में जमीन से जुड़ी शिकायतों और उनके निस्तारण का ब्योरा तलब किया है। इन विवादों का न्यायपूर्ण और समयबद्ध निस्तारण ही प्रदेश सरकार की जमीन मजबूत करेगा।
भूमि विवाद मामले में अगर गौर किया जाए तो ज्यादातर मामले में कमजोर व सभ्य लोग ही इसका शिकार हो रहे हैं। भूमि विवाद के मामले में दबंग व अपराधी प्रवृत्ति के लोग जबरन भूमि पर कब्जा जमाकर बैठे हुए हैं। कई मामले में भू-स्वामी को टाइटल में डिग्री भी हो चुकी है, लेकिन दबंगों के डर से असली भू-स्वामी जमीन पर नहीं पहुंच सके हैं। आश्चर्य की बात यह है कि पुलिस भी इस मामले से पल्ला झाड़ती नजर आती है।
हत्या के बाद राजनीति
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इस घटना की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद से पल पल की जानकारी ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही कमिश्नर/आईजी को त्वरित और कठोरतम कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
घटना पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव का भी बयान आया है। उन्होंने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देवरिया की घटना शासन की विफलता और कहीं न कहीं प्रशासन की लापरवाही या संलिप्तता की वजह से घटित हुई है। काश मुख्यमंत्री जी के दुख प्रकट करने से लोगों का जीवन वापस आ जाता। अखिलेश यादव ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा कि उच्च स्तरीय जांच ही इस हत्याकांड की परतों के पीछे की परत उतार कर न्याय कर सकती है।
वहीं उत्तर प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने देवरिया में जमीन के विवाद में छह लोगों की हत्या को कानून व्यवस्था की विफलता करार देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस्तीफा देकर गोरखपुर के मठ में बैठ जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा है कि जमीन विवाद के निपटारे में विफल राजस्व विभाग की जांच होनी चाहिए।
'सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय' की नारा देने वाली बसपा अध्यक्ष मायावती देवरिया हत्याकांड पर कुछ भी बोलने से परहेज कर रही हैं। फिलहाल इन सब के बीच राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती का चुप्पी साधे रहना कई सवाल खड़े कर रहा है। जहां एक ओर विपक्षी पार्टियां लगातार प्रशासन पर सवाल उठाते हुए भाजपा को घेरती नजर आ रही हैं। वहीं मायावती का इस मुद्दे पर एक भी सवाल नहीं करने पर कुछ राजनेता इसे उनका भाजपा की ओर झुकाव बता रहे हैं।
एनडीए गठबंधन में शामिल सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर से जब देवरिया कांड पर हो रही सियासत को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं में हम उन साथियों को कहना चाहते हैं कि अफवाह न फैलाएं। सरकार दोनों पक्षों को न्याय दिलाने के लिए कटिबद्ध है। इसे यादव बनाम ब्राह्मण बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस केस में पाल, राजभर भी शामिल हैं, ब्राह्मण भी शामिल हैं और यादव भी शामिल हैं तो फिर कैसे ये एक जाति का मामला हो गया। सुभासपा प्रमुख ने कहा कि अगर राजनीति करने वाले लोग देवरिया कांड को ब्राह्मण बनाम यादव बनाने की कोशिश कर रहे हैं तो हम इससे कतई सहमत नहीं है, दोनों पक्ष ही पीड़ित हैं। हम चाहते हैं कि दोनों पक्षों की आर्थिक मदद होनी चाहिए। देवरिया से भाजपा विधायक शलभ मणि त्रिपाठी पीड़ित ब्राह्मण परिवार के समर्थन में खड़े नजर आ रहे हैं। सत्य प्रकाश दुबे के बेटे देवेश दुबे को जहां वह एक तरफ न्याय का भरोसा दिलाते दिख रहे हैं, दूसरी तरफ इस हत्याकांड को लेकर विपक्ष को भी निशाने पर ले लिया है।
सपा के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने भाजपा विधायक शलभमणि त्रिपाठी के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, देवरिया कांड पर माननीय विधायक कह रहे हैं कि अगर सपा की हैसियत है तो उनकी एक हजार जांच करा ले। विधायक जी,सपा तो विपक्ष में है। आप सियासी रोटी सेंकना बंद कर प्रशासन की जवाबदेही व जिम्मेदारी तय करा लें और अगर पीड़ितों को निष्पक्ष न्याय दिलाने की आप में हैसियत हो तो न्याय जरूर दिला दें।
देवरिया सदर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक शलभमणि त्रिपाठी ने सपा नेता शिवपाल यादव को एक्स पर ही जवाब दिया है। उन्होंने शिवपाल के ट्वीट पर लिखा, शिवपाल जी,आपकी सरकार का आतंक लोग भूले नहीं। ये पूरा विवाद ही 2014 से है। जब आप सत्ता के मद में अन्याय करा रहे थे। जवाहरबाग से लेकर देवरिया तक जमीनें कब्जा करवा रहे थे। आज भी सपा भले विपक्ष में है, पर अराजकता ही इसकी पहचान है। योगीजी की सरकार है इसीलिए न्याय की उम्मीद है। बाकी फिर कहता हूं,एक हजार मुकदमे करा लीजिए या धमकियां दिलवा लीजिए। न डरा हूं,न डरूंगा। गुंडों को गुंडा कहूंगा। भू माफिया को भूमाफिया।
राजनीति से हटकर बात करें तो प्रदेश में राजस्व से जुड़े अधिकारियों की भारी कमी ने जमीन संबंधी विवादों के समयबद्ध निपटारे को मुश्किल बना दिया है। हत्याकांड के बाद योगी सरकार ने हर जिले में जमीन से जुड़ी शिकायतों और उनके निस्तारण का ब्योरा तलब किया है।
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विजय कुमार राय

विजय कुमार राय (वरिष्‍ठ संवाददाता)
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। साल 2012 से दूरदर्शन के ‘डीडी न्यूज’ से जुड़कर छोटी-बड़ी खबरों से लोगों को रू-ब-रू कराया। उसके बाद कुछ सालों तक ‘कोबरापोस्ट’ से जुड़कर कई बड़े स्टिंग ऑपरेशन के साक्षी बने। वर्तमान में ये हिन्दुस्थान समाचार समूह की पत्रिका ‘युगवार्ता’ और ‘नवोत्थान’ के वरिष्‍ठ संवाददाता हैं। इन दिनों देश की सभ्यता-संस्कृति और कला के अलावा समसामयिक मुद्दों पर इनकी लेखनी चलती रहती है।