20 मिनट, 42 राउंड और माफिया ढेर

युगवार्ता    24-Apr-2023   
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उमेश पाल हत्याकांड में फरार चल रहे अतीक अहमद के बेटे असद के साथ ही शूटर गुलाम को भी यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया। दोनों पर यूपी पुलिस ने 5-5 लाख रुपये का इनाम रखा था। दोनों का झांसी से 30 किलोमीटर दूर बड़ागांव और चिरगांव के पास एनकाउंटर हुआ।


असद और गुलाम

प्रयागराज में दहशत का पर्याय रहा माफिया अतीक अहमद के लिए 13 अप्रैल का दिन उसके जीवन का सबसे ज्यादा दहशत भरा रहा। एक तरफ उमेश पाल हत्याकांड में यूपी पुलिस को उसकी सात दिन की रिमांड मिली तो दूसरी तरफ एनकाउंटर में बेटे की मारे जाने की खबर उसे मिली। उसके लिए यह दोहरा झटका रहा। खबर सुनते ही उसके होश फाख्ता हो गये। पिछले लगभग डेढ़ महीने से यूपी पुलिस के साथ आंख मिचौली खेल रहे उमेश पाल के हत्यारे असद व गुलाम को यूपी एसटीएफ ने अंतत: मिट्टी में मिला दिया। 20 मिनट तक हुई 42 राउंड फायरिंग में दोनों हत्यारे ढेर हो गए।

यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि फोर्स पिछले डेढ़ महीने से असद अहमद और गुलाम को ट्रेस कर रही थी। एक बार तो गुलाम पांच मिनट की देरी से मिस हो गया था। इस बार उन्हें झांसी में लोकेट कर लिया गया। पुलिस के मुताबिक, दोनों झांसी के पास पारीछा डैम के पास छिपकर बैठे थे। एनकाउंटर के बाद मौके से कई हथियार भी मिले हैं। पुलिस का कहना है कि हम उन्हें जिंदा पकड़ना चाहते थे। लेकिन उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। असद अहमद और गुलाम, दोनों पर पांच लाख रुपये का इनाम था। दोनों उमेश पाल हत्याकांड में फरार चल रहे थे।

उल्लेखनीय है कि 24 फरवरी को उमेश पाल की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। उमेश पाल हत्याकांड के बाद असद और गुलाम सबसे पहले बाइक पर बैठकर कानपुर पहुंचे थे। कानपुर से दोनों ने बस ली और नोएडा डीएनडी पर उतरे। नोएडा डीएनडी पर पहले से ही दोनों के कई साथी मौजूद थे। वे दोनों को आॅटो से दिल्ली के संगम विहार लेकर गए। संगम विहार में असद और गुलाम 15 दिन तक रुके। दिल्ली में दो हफ्ते से ज्यादा वक्त बिताने के बाद दोनों अजमेर पहुंचे। अजमेर में भी दोनों कुछ दिन रुके। अजमेर से दोनों झांसी चले आए।

                                                                            एनकाउंटर टीम के जांबाज
डिप्टी एसपी नवेन्दु कुमार, डिप्टी एसपी विमल कुमार सिंह, इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह,इंस्पेक्टर ज्ञानेंद्र कुमार राय, सब इंस्पेक्टर विनय तिवारी,हेड कॉन्स्टेबल पंकज तिवारी,हेड कॉन्स्टेबल सोनू यादव,हेड कॉन्स्टेबल सुशील कुमार,हेड कॉन्स्टेबल सुनील कुमार,हेड कॉन्स्टेबल भूपेंद्र कुमार,कमांडो अरविंद कुमार,कमांडो दिलीप कुमार यादव

झांसी में अतीक अहमद के कई करीबियों के होने की जानकारी यूपी एसटीएफ को मिली थी। इसके बाद पुलिस टीम ने झांसी से दो मददगारों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की थी। बताया जा रहा है कि झांसी में अतीक अहमद के पुराने करीबियों ने ही असद और गुलाम को पनाह दी थी। यूपी एसटीएफ ने 2 अप्रैल को अतीक अहमद के जीजा अखलाक को मेरठ से गिरफ्तार किया था। अखलाक को शूटरों को छिपाने और भागने में मदद करने के इल्जाम में गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जावेद, खालिद और जीशान नाम के बदमाशों को पकड़ा था। खालिद और जीशान ने पूछताछ में खुलासा किया था कि उन्होंने असद और गुलाम को पनाह दी थी। वहीं, जावेद को 30 मार्च को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। उसने भी बताया था कि उमेश पाल की हत्या के बाद असद और गुलाम से उसने मुलाकात की थी। हत्याकांड के बाद कई दिनों तक असद दिल्ली में ही छिपा था। दिल्ली से ही उसका साथी मेरठ गया था। उसने मेरठ से पैसे लाकर असद को दिए थे।

एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि जब उमेश पाल की हत्या की साजिश रची जा रही थी तब अतीक अहमद के भाई अशरफ और शूटर गुलाम नहीं चाहते थे कि इसमें असद को भी शामिल किया जाए। अतीक अहमद की जिद के कारण असद को इस हत्याकांड में शामिल किया गया और उससे गोली चलवाई गई। उमेश पाल की हत्या के बाद जब इसमें असद का नाम सामने आया था तो पत्नी शाइस्ता परवीन ने अतीक अहमद को फोन भी लगाया था। शाइस्ता ने इस हत्याकांड में असद को शामिल करने पर नाराजगी जताई थी। इस पर अतीक अहमद ने शाइस्ता को डांटते हुए कहा था कि असद की वजह से वो 18 साल बाद चैन की नींद सो पाया है। उमेश पाल की वजह से उसकी नींद हराम हो गई थी।

जरायम की दुनिया में असद को केवल अपने पिता अतीक का ही नहीं बल्कि चाचा अशरफ का भी पूरा साथ मिला। वो अपने चाचा का चहेता था। कई बार वो शादी समारोहों में अशरफ के साथ ही जाता था। इतना ही नहीं चाचा अपने भतीजे को फायरिंग करने के लिए असलहा भी देता था। इलाके में ऐसी चर्चाएं होती ही रहती थीं कि असद अपने चाचा अशरफ के नक्शेकदम पर चलता है।

समाजवादी पार्टी प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अतीक अहमद के बेटे असद अहमद के 'एनकाउंटर' को झूठा बताया और ट्वीट किया कि झूठे एनकाउंटर करके भाजपा सरकार सच्चे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही है। भाजपाई न्यायालय में विश्वास ही नहीं करते हैं। आज के और हालिया एनकाउंटरों की भी गहन जांच-पड़ताल हो व दोषियों को छोड़ा न जाए। सही-गलत के फैसलों का अधिकार सत्ता का नहीं होता है। भाजपा भाईचारे के खिलाफ है।

अखिलेश के बयान पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘समाजवादी पार्टी चाहती है कि पुलिस के जवान बलि चढ़ जाएं। उमेश पाल की सुरक्षा में लगे दो जवानों को हम खो चुके हैं, उनको खोने के बाद पुलिस के जवानों को बलि देना पड़े ये सही नहीं है। अपराधियों को पकड़ने के लिए जो कार्रवाई करनी पड़े हम करेंगे।

वहीं, असद अहमद और शूटर गुलाम मोहम्मद के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद उमेश पाल की पत्नी ने कहा, मैं माननीय मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने इतने बड़े फैसले को अंजाम दिया है। उन्होंने अपनी बेटी के सुहाग के कातिलों को सजा दिलाई। मैं उनका बार-बार आभार करती हूं। वे पिता समान हैं। इंसाफ तो हुआ है, मैं मांग करती हूं कि आगे भी इंसाफ हो। पुलिस का इसमें बहुत सहयोग रहा। मैंने मुख्यमंत्री जी पर सब कुछ छोड़ा है, वे जो कुछ भी करेंगे, सही करेंगे। हमें प्रशासन पर पूरा भरोसा है।

वहीं उमेश पाल की मां ने कहा, ‘एनकाउंटर की हम मांग कर रहे थे, लेकिन ये करना हमारे हाथ में नहीं था। मैं इसके लिए मुख्यमंत्री जी का बहुत-बहुत धन्यवाद करती हूं और पुलिस विभाग का भी। पुलिस ने अपना फर्ज निभाया है। उन्होंने अच्छा न्याय किया है। जो हुआ है वो सही हुआ है। इससे हमारी आत्मा को संतुष्टि मिलेगी। हमें पहले से मुख्यमंत्री और पुलिस पर भरोसा था, जो आज सही साबित हुआ। इस एनकाउंटर से उमेश पाल और उनके बॉडीगार्ड के आत्मा को थोड़ी शांति मिलेगी।

वहीं, एआईएमआईएम चीफ और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने असद एनकाउंटर पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘भाजपा महजब के नाम पर एनकाउंटर करती है। कोर्ट और जज किस लिए हैं? अदालतों को बंद कर दो। क्या भाजपा वाले जुनैद और नासिर के मारने वालों को भी गोली मारेंगे, नहीं क्योंकि ये मजहब के नाम पर एनकाउंटर करते हैं। ये एनकाउंटर नहीं कानून की धज्जियां उड़ रही है। अगर गोली, से इंसाफ होगा तो फिर अदालतों को बंद कर दो।

यूपी के प्रयागराज में 24 फरवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और दूसरे गुर्गे मोहम्मद गुलाम को यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया है।

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विजय कुमार राय

विजय कुमार राय (वरिष्‍ठ संवाददाता)
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। साल 2012 से दूरदर्शन के ‘डीडी न्यूज’ से जुड़कर छोटी-बड़ी खबरों से लोगों को रू-ब-रू कराया। उसके बाद कुछ सालों तक ‘कोबरापोस्ट’ से जुड़कर कई बड़े स्टिंग ऑपरेशन के साक्षी बने। वर्तमान में ये हिन्दुस्थान समाचार समूह की पत्रिका ‘युगवार्ता’ और ‘नवोत्थान’ के वरिष्‍ठ संवाददाता हैं। इन दिनों देश की सभ्यता-संस्कृति और कला के अलावा समसामयिक मुद्दों पर इनकी लेखनी चलती रहती है।