सुशासन मतलब योगी सरकार

युगवार्ता    02-May-2023   
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योगी आ‍दित्‍यनाथ

योगी सरकार ने उत्‍तर प्रदेश को अपराध और दंगा मुक्‍त कर सूबे में भय मुक्‍त और भ्रष्‍टाचार मुक्‍त सुशासन स्थापित किया है। सूबे में कानून-व्‍यवस्‍था की स्थिति सुधरने से आज उत्तर प्रदेश के बारे में न केवल प्रदेश वासियों की, बल्कि देश-दुनिया की भी धारणा बदली है।

योगी सरकार ने अपने शासनकाल में उत्तर प्रदेश में वास्‍तव में सुशासन स्थापित किया है। कानून व्यवस्था के लिहाज से यह काल याद किया जाएगा। क्योंकि योगीराज में एक भी दंगा नहीं हुआ। पूरे शासनकाल में एक भी दंगा नहीं होना बहुत बड़ी बात है। योगी सरकार से पहले के कालखंड को याद करें तो पाएंगे कि 2012-17 के बीच औसतन हर तीसरे-चौथे दिन एक बड़ा दंगा होता था। और उत्तर प्रदेश की पहचान अपराध प्रदेश के रूप में होती थी। पहले पेशेवर माफिया और अपराधी सत्ता के संरक्षण में दहशत फैलाते थे। दंगा एक प्रवृत्ति बन गई थी। योगी सरकार के कार्यकाल में इस पर लगाम लगी है। अब उत्तर प्रदेश की जनता भयमुक्त है और अपराधियों के मन में कानून का खौफ है। मुख्यमंत्री योगी ने भी कहा था अपराधी या तो जेल में होंगे या प्रदेश के बाहर। योगी सरकार की पुलिस अपराधियों, माफियों और दंगाइयों पर कहर बनकर टूटी है। जिससे उत्तर प्रदेश अपराध मुक्त, भयमुक्त एवं दंगामुक्त हुआ है। पुलिस ने सिर्फ मुख्तार अंसारी और खान मुबारक ही नहीं, बल्कि प्रदेश के दो दर्जन से अधिक बड़े माफिया को जेल में धकेल कर उनके नेटवर्क को ध्वस्त किया है। आलम यह है कि प्रदेश में पुलिस के डर से बड़े-बड़े अपराधी और माफिया प्रदेश छोड़कर या तो भाग गए या आत्मसमर्पण कर दिए हैं। खास बात यह है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने माफिया और अपराधियों के खिलाफ बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई की है।

योगी सरकार में गैंगस्टर अधिनियम के अन्तर्गत अब तक 90 अरब 22 करोड़ 33 लाख की चल-अचल सम्पत्तियों का जब्तीकरणइतना ही नहीं सरकार ने माफियाओं द्वारा अवैध ढंग से अर्जित की गई 2819 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। साथ ही माफियाओं के अवैध निर्माण को भी ध्वस्त कर दिया गया। अकेले अतीक अहमद के आपराधिक साम्राज्‍य के विरुद्ध गैंगेस्‍टर अधिनियम के तहत निरोधात्‍मक कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से निर्मित कुल 11 अरब 69 करोड़ 20 लाख 4 हजार 350 रुपये की चल-अचल संपत्ति

जब्तीकरण / ध्वस्तीकरण / कुर्की की कार्यवाई की गयी है। योगी सरकार से पहले अपराधियों के खिलाफ इतनी बड़ी कार्रवाई किसी राज्‍य में नहीं हुई।

“प्रदेश में दहशत के पर्याय बने 183 अपराधियों का पुलिस मुठभेड़ में मारा जाना, लगभग 5000 से अधिक अपराधियों का घायल होना, अब तक 23,355 आरोपियों को गिरफ्तार किया जाना और 836 अभियुक्तों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई होना, बेहतर कानून व्‍यवस्‍था और सुशासन की वकालत करती है।”
 

गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या के बाद यूपी के जेलों में बंद कुख्यात अपराधियों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो गयी है राज्य में कानून व्‍यवस्‍था बनाए रखने छोटे अपराधियों से लेकर गैंगस्टर से बाहुबली नेता बने माफियाओं के खिलाफ भी कार्रवाई करने के लिए योगी सरकार तैयार है यह मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के दृढ़ राजनीतिक इच्‍छाशक्ति का ही नतीजा है कि प्रशासन ने पहले ही 65 माफियाओं की लिस्ट तैयार कर ली है इनमें मुख्‍तार अंसारी, बृजेश कुमार सिंह, अखंड प्रताप सिंह, खान मुबारक सुधीर कुमार सिंह, सुंदर भाटी जैसे बड़े अपराधियों का नाम शामिल है।

राज्‍य में दहशत के पर्याय बने 183 अपराधियों का पुलिस मुठभेड़ में मारा जाना, 5048 अपराधियों का घायल होना, गैंगस्टर एक्ट में अब तक 63055 अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई और 836 अभियुक्तों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई होना, बेहतर कानून व्‍यवस्‍था और सुशासन की वकालत करती है। इसके अलावा खासकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्क्वाड का गठन और सेफ सिटी परियोजना के जरिये महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल उत्‍पन्‍न करना उल्‍लेखनीय है। योगी सरकार के अपराध व भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति का ही नतीजा है कि राज्य में अपराधों की संख्‍या में कमी आई है। 2016 की तुलना में डकैती में 69 प्रतिशत, लूट में 66 प्रतिशत, अपहरण में 52 प्रतिशत, बलात्कार में 33 प्रतिशत, बलवा में 30 प्रतिशत और हत्या के मामलों में 25 प्रतिशत से अधिक की कमी हुई है। 2017 के पहले तक अपराध, अराजकता और दंगों के लिए मशहूर प्रदेश में आज पूरी तरह से शांति और सुशासन कायम है। सभी पर्व और त्यौहार शांतिपूर्वक सम्पन्न हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस ने जिस तरीके से राज्य में संगठित अपराध और माफियाओं पर अंकुश लगाया है वह अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल बना हुआ है। योगी सरकार के शासनकाल में यह फर्क साफ दिखता है। यही फर्क उन्‍हें पूर्ववर्ती सरकारों से अलग करती है। न केवल पूर्ववर्ती सरकारों से बल्कि न्‍य राज्‍यों की तुलना में भी सर्वश्रेष्ठ बनाता है। सुशासन के क्षेत्र में उत्‍तर प्रदेश से उत्तम प्रदेश बनने की यह कहानी योगी राज में लिखी गई है। इसकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है। कानून-व्यवस्‍था की स्थिति सुधरने से आज उत्तर प्रदेश के बारे में न केवल प्रदेश वासियों की, बल्कि देश-दुनिया की धारणा बदली है।

अब तक हुई कार्रवाई

- 63055 अपराधियों के विरुद्ध गैंगस्टर अधिनियम और 836 अपराधियों के विरुद्ध एनएसए की कार्रवाई।

- गैंगस्टर अधिनियम के अन्तर्गत 90 अरब 22 करोड़ 33 लाख की चल-अचल सम्पत्तियों का जब्तीकरण

- माफिया एवं अपराधियों द्वारा अवैध रूप से अर्जित 2819 करोड़ से अधिक की संपत्तिया जब्त

 

कानून व्यवस्था को मजबूती देने के लिए प्रदेश में पूरी पारदर्शिता के साथ 1.38 लाख पुलिसकर्मियों की नियुक्तिके साथ ही सभी 1535 थानों में महिला हेल्प डेस्क और 213 नए थानों का निर्माण हुआ है। लखनऊ, नोएडा, वाराणसी, कानपुर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम को लागू किया। भूमाफिया विरोधी टास्क फोर्स का गठन कर आरोपियों पर कार्रवाई की। साथ ही प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिएमिशन शक्तिअभियान चला रही योगी सरकार ने महिलाओं से जुड़े अपराधों पर तुरन्त कार्रवाई कर एक रिकॉर्ड बनाया है।
दूसरी तरफ मुख्मंत्री योगी आदित्‍यनाथ की छवि एक ईमानदार नेता की रही है। उनके पूरे कार्यकाल में भ्रष्टाचार का एक भी धब्‍बा उन पर नहीं पड़ा। यही वजह है कि उनके शासन काल में भ्रष्टाचार मुक्‍त शासन हुआ। ईमानदार नेतृत्‍व की वजह से ही पिछली सरकारों द्वारा किये गए विभिन्‍न भ्रष्टाचार के मामलों जैसे गोमती रिवरफ्रंट, खनन, लैपटॉप घोटाला, आगरा एक्सप्रेस घोटाला इत्यादि की निष्‍पक्ष जांच हो पाई। इतना ही नहीं योगी सरकार में हुई एक भी भर्ती प्रक्रिया को रोकने के लिए न्यायालय का स्‍टे ऑर्डर नहीं मिला। जबकि पहले के सरकारों में भर्तियां इसलिए नहीं हुई कि भ्रष्‍टाचार की वजह से सरकारी भर्ती प्रक्रिया को न्यायालय द्वारा स्‍टे लगा दिया जाता था। 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में ट्रांसफर-पोस्टिंग एक बड़ा उद्योग हुआ करता था लेकिन योगी सरकार में इसके लिए किसी भी विभाग में लेन-देन नहीं हुआ। और यह संभव हुआ है योगी सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त शासन से। यह सुशासन का ही परिणाम है कि उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में निवेशक आ रहे हैं। सूबे की अर्थव्‍यवस्‍था छठे से दूसरे नंबर पर पहुंच गई है।और प्रदेश की अर्थव्‍यवस्‍था एक ट्रिलियन डॉलर की ओर चल पड़ी है।


अपराधियों पर नकेल

पुलिस कार्रवाई की संख्‍या - 10937

कार्रवाई में गिफ़तार अभियुक्‍तों की संख्‍या - 23355

पुलिस कार्रवाई में घायल अभियुक्‍तों की संख्‍या- 5048

पुलिस कार्रवाई में मारे गए अभियुक्‍तों की संख्‍या- 183

पुलिस कार्रवाई में घायल पुलिस कर्मियों की संख्‍या- 1443

शहीद हुए पुलिस कर्मियों की संख्‍या- 13

(नोट- यह आंकड़ा उत्‍तर प्रदेश पुलिस के अनुसार 20.03.2017 से 13.04.2023 तक का है।)

 


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संजीव कुमार

संजीव कुमार (संपादक)
आप प्रिंट मीडिया में पिछले दो दशक से सक्रिय हैं। आपने हिंदी-साहित्य और पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की है। आप विद्यार्थी जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी जुडे रहे हैं। राजनीति और समसामयिक मुद्दों के अलावा खोजी रिपोर्ट, आरटीआई, चुनाव सुधार से जुड़ी रिपोर्ट और फीचर लिखना आपको पसंद है। आपने राज्यसभा सांसद आर.के. सिन्हा की पुस्तक ‘बेलाग-लपेट’, ‘समय का सच’, 'बात बोलेगी हम नहीं' और 'मोदी-शाह : मंजिल और राह' का संपादन भी किया है। आपने ‘अखबार नहीं आंदोलन’ कहे जाने वाले 'प्रभात खबर' से अपने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत की। उसके बाद 'प्रथम प्रवक्ता' पाक्षिक पत्रिका में संवाददाता, विशेष संवाददाता और मुख्य सहायक संपादक सह विशेष संवाददाता के रूप में कार्य किया। फिर 'यथावत' पत्रिका में समन्वय संपादक के रूप में कार्य किया। उसके बाद ‘युगवार्ता’ साप्तहिक और यथावत पाक्षिक के संपादक रहे। इन दिनों हिन्दुस्थान समाचार समूह की पत्रिका ‘युगवार्ता’ पाक्षिक पत्रिका के संपादक हैं।