साइबर फ्रॉड का खतरनाक खेल

युगवार्ता    24-Aug-2023   
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देश काल और परिस्थिति से परे ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में तरह-तरह के फ्रॉड से बचने के लिए जागरूकता ही सबसे सशक्त हथियार है।
 
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र हाथ में मोबाइल आने और डिजिटलीकरण की गति में वृद्धि के साथ, साइबर अपराधों की संख्या भी बढ़ रही है। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक |ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनाओं की संख्या 2019-20 में 39134 रही है। वहीं साल 2020-21 में इस तरह की घटनाएं 9675 और 2021-22 में 13951 हो गईं। ये तो वो आंकड़े हैं जिनकी शिकायत हुई अन्यथा इससे सैकड़ों गुना अधिक साइबर अपराध दर्ज ही नहीं होते हैं। इसकी वजह जागरूकता का अभाव है।
साइबर अपराधों की गंभीरता को देखते हुए सरकार हर स्तर पर गंभीर है। राज्य/केंद्र शासित प्रदेश साइबर अपराधों की रोकथाम, पता लगाने, जांच और अभियोजन के लिए सक्रिय हैं। केंद्र सरकार ने व्यापक और समन्वित तरीके से साइबर अपराध से निपटने के लिए तंत्र को मजबूत करने के अलावा जागरूकता फैलाना, अलर्ट/सलाह जारी करना, कानून प्रवर्तन कर्मियों/अभियोजकों/न्यायिक अधिकारियों की क्षमता निर्माण/प्रशिक्षण जैसे कई कदम उठाए हैं।
सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग के लिए सावधानी
  1. कभी भी अपने खाते का विवरण जैसे खाता संख्या, लॉगिन आईडी, पासवर्ड, पिन, यूपीआई-पिन, ओटीपी, एटीएम/डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड विवरण किसी के साथ साझा न करें।
  2. केवाईसी अपडेट न होने के बहाने आपके खाते को ब्लॉक करने की धमकी देने वाला कोई भी कॉल/ईमेल और इसे अपडेट करने के लिए लिंक पर क्लिक करने का सुझाव धोखेबाजों का एक सामान्य तरीका है। ऐसे प्रस्तावों पर प्रतिक्रिया न दें।
  3. हमेशा अपने बैंक/एनबीएफसी/ई-वॉलेट प्रदाता की आधिकारिक वेबसाइट देखें।
  4. अपने फोन/डिवाइस पर कोई भी अनजान ऐप डाउनलोड न करें।
  5. पैसे की प्राप्ति से जुड़े लेनदेन के लिए बारकोड/क्यूआर कोड को स्कैन करने या एमपिन दर्ज करने की आवश्यकता नहीं होती है। इसलिए, अगर ऐसा करने को कहा जाए तो सावधानी बरतें।
  6. संपर्क विवरण के लिए हमेशा बैंक/एनबीएफसी/ई-वॉलेट प्रदाता की आधिकारिक वेबसाइट देखें। इंटरनेट सर्च इंजन पर मौजूद संपर्क नंबर धोखाधड़ी वाले हो सकते हैं। विश्वसनीय वेबसाइटों/ऐप्स का उपयोग करें, यानी ''https'' से शुरू होने वाली वेबसाइटें।
  7. वर्तनी संबंधी त्रुटियों के लिए ईमेल/एसएमएस में प्राप्त यूआरएल और डोमेन नामों की जांच करें।
  8. अपने बैंक/ई-वॉलेट खाते से जुड़े ईमेल का पासवर्ड साझा न करें। ई-कॉमर्स/सोशल मीडिया साइटों और आपके बैंक खाते/आपके बैंक खाते से जुड़े ईमेल के लिए सामान्य पासवर्ड न रखें। सार्वजनिक, खुले या मुफ़्त नेटवर्क के माध्यम से बैंकिंग करने से बचें।
  9. किसी भी वेबसाइट/एप्लिकेशन में अपने ईमेल को
  10. यूजर-आईडी के रूप में पंजीकृत करते समय अपने ईमेल पासवर्ड को मजबूत बनाए।
  11. विदेशी प्रेषण, कमीशन प्राप्त करने या लॉटरी जीतने अथवा आरबीआई के पास धन जमा होने की सूचना देने वाली सलाह से गुमराह न हों। 
 ऑनलाइन धोखाधड़ी का सबसे प्रचलित आम तरीका बैंकों से संबंधित है, जहां जालसाज, खुद को बैंक अधिकारी बताकर, पीड़ित को ओटीपी, केवाईसी अपडेट साझा करने के लिए विश्वास में लेते हैं। और कभी-कभी तो बैंक खातों तक पहुंचने के लिए लिंक भेजकर क्लिक करने के लिए कहते हैं। इससे आपका मोबाइल हैक हो जाता है। जिससे पूरा सिस्टम उनके कब्जे में आ जाता है। फिर शुरू होता है धोखाधड़ी का खेल।
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राम जी तिवारी

राम जी तिवारी (मुख्‍य उप संपादक)
 
अवध विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक। आईआईएमसी से पत्रकारिता में डिप्लोमा, कुरुक्षेत्र विवि से पत्रकारिता में परास्नातक। श्यामा प्रसाद मुखर्जी फाउंडेशन, डीडी किसान एवं वैश्य भारती पत्रिका सहित कई संस्थानों के संपादकीय विभाग में कार्य किया है। इन दिनों हिन्दुस्थान समाचार बहुभाषी न्यूज एजेंसी से जुड़े हैं। फिलहाल ‘युगवार्ता’ पाक्षिक के मुख्‍य उप-संपादक हैं।