करोड़ों निवेशकों को शाह की संजीवनी

युगवार्ता    26-Aug-2023   
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सहारा में फंसे करोड़ों लोगों के पैसे मिलने शुरू हो गये हैं। इससे लोगों के चेहरे पर आश्चर्यमिश्रित खुशी है। पैसा वापसी का यह कार्यक्रम कितना सफल होगा यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा लेकिन इसकी शुरुआत इसके अंत की सकारात्मक गाथा गा रही है।

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पिछले दिनों एक असंभव कार्य संभव होता दिखा। असंभव सा लगने वाला वह कार्य देश के गृह मंत्री ने कर
दिखाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उसे पूरा होते देखना चाहते थे जिसे गृह मंत्री अमित शाह ने साकार किया।
गृह मंत्री शाह ने सहारा में फंसे सभी लोगों के पैसे को रिटर्न करने के लिए एक योजना बनाई। यह योजना
इतनी महत्वपूर्ण, सरल और पारदर्शी तरीके से बनाई गई कि जिन लोगों का पैसा फंसा था उनके चेहरे पर
आश्चर्यमिश्रित खुशी की झलक साफ दिखाई दे रही है। गौरतलब है कि सहारा में करोड़ों लोगों का पैसा फंसा
हुआ है और यह वे लोग हैं जो समाज के बेहद ही निचले तबके से आते हैं।
सहारा का मामला इतना जटिल और गंभीर था कि इस सुलझा पाना एक टेढ़ी पहेली की तरह लग रहा था।
सहारा ने जिस तरह से लोगों से पैसे की उगाही की और उसका कोई भी डिटेल अपने पास नहीं रखा। ऐसी
स्थिति में उन गरीब लोगों का पैसा यह मान लिया गया था डूब चुका है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में मामला आने
के बाद जिस तरह से सहारा श्री पर दबाव डाल करके पैसा निकाला गया और उसके बाद सहकारिता मंत्री
अमित शाह ने एक योजनाबद्ध तरीके से पोर्टल बनाकर सहकारिता समितियों के द्वारा वह पैसा वापस कराने
की प्रतिबद्धता दिखाई। यह अपने आप में मोदी 2.0 की सफलता की एक बेमिसाल कदम है।
सहारा समूह के को-आपरेटिव में जमा राशि की वापसी के लिए सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च किया गया है।
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इस पोर्टल को लॉन्च किया था। पोर्टल लॉन्च होने के चार दिनों
के भीतर ही पांच लाख निवेशकों ने इसपर पर अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। इससे पहले सरकार ने कहा था कि
चारों सहकारी समितियों के 10 करोड़ निवेशकों को 9 महीने के भीतर पैसा लौटा दिया जाएगा। यह घोषणा
सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बाद हुई जिसमें सहारा-सेबी रिफंड खाते से 5,000 करोड़ रुपये सहकारी समितियों
के केंद्रीय रजिस्ट्रार (सीआरसीएस) को स्थांतरित करने के निर्देश दिए गए थे।
पोर्टल को सहारा समूह की सहकारी समितियों- सहारा क्रेडिट को आपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन
यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट को आपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स
मल्टीपर्पज को आपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड में जमा निवेशकों के पैसे को वापस लौटाने के लिए डेवलप किया
गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अब तक सीआरसीएस सहारा रिफंड पोर्टल पर 18 लाख लोगों ने
अपना पंजीकरण कराया है। इनमें से 14 लाख जमाकर्ताओं के आवेदन पहले ही मान्य किए जा चुके हैं। अभी
केवल 10 हजार रुपये तक की किस्त भेजी जा रही है। जल्द ही दूसरी किस्त या फिर पूरा अमाउंट देने का
एलान हो सकता है। गृह मंत्री ने कहा कि हम निकट भविष्य में पूरी राशि वापस करने में सफल होंगे। विदित
हो कि सहारा का मामला पिछले एक दशक से चल रहा है। पहले सेबी ने सहारा पर अपने निवेशकों के पैसा
लौटना का दबाव बनाया। जब ऐसा नहीं हुआ तब सेबी कोर्ट चला गया। जिसके बाद असली ड्रामा शुरू हुआ।
एक तरफ सहारा के मालिक सुब्रतो राय का कहना था कि उन्होंने निवेशकों को पैसा लौटा दिया है। वहीं सेबी
इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं था। जब डाक्यूमेंट की बारी आई तब भी कोई ठोस कदम इस पर नहीं
उठाया गया। बाद में जब कोर्ट ने सुब्रतो को तलब किया तब जाकर इसमें पहला मोड़ आया। जिसमें ये कहा
गया कि निवेशकों का पैसा जल्द से जल्द जमा कराएं। खैर कुछ पैसे जमा कराए गए। जिसके बाद यह मामला
जैसे तैसे चलता रहा। सहारा का कहना था कि वह अपने निवेशकों का पैसे लौटा चुका है। उसने कहा कि जब
किसी निवेशक ने सहारा पर यह आरोप नही लगाया की उसका पैसा डूबा है तो सेबी यह कैसे कह सकता है।
असली पेंच यही फंसा हुआ था। क्योंकि कोई छोटा निवेशक क्लेम तो तब करे जब उसका पूरा डाक्यूमेंटेशन हो।
दरअसल, यहां पर तो पूरा खेल ही कागज में खेला जा रहा था। जब जांच होकर मामला सामने आया तो सहारा
के पास पैसा लौटाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं दिखा। उन्होंने पैसे लौटना स्वीकार किया। इसके बाद
एक और पेंच फंसा कि पैसे वापस किस माध्यम से किए जाएं। । लेकिन धन्य हो डिजिटल क्रांति का जिसने
यह कार्य आसान कर दिया। पोर्टल के माध्यम से अब यह कार्य आसानी से किया जा रहा है। अब जिसका भी
पैसा सहारा में फंसा है वह आसानी से पैसा निकल सकता है। अगर यह कार्य सही से पूरा हो जाता है तो
भारत के इतिहास में यह पहली घटना होगी जब इतनी बड़ी धनराशि को वापस करा दिया गया और इससे
करोड़ों लोगों को फायदा हुआ। सरकार द्वारा किया गया यह अद्भुत कदम है। इसके द्वारा करोड़ों गरीब लोग
लाभान्वित होंगे साथ ही आम जनमानस में सरकार को लेकर और उसकी व्यवस्था को लेकर के विश्वसनीयता
पैदा होगी। यह कार्यक्रम कितना सफल होगा यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा लेकिन इसकी शुरुआत
इसके अंत की सकारात्मक गाथा गा रही है।
जमाकर्ताओं के लिए जरूरी जानकारी
सहारा समूह के सभी जमाकर्ताओं के लिए सीआरसीएस सहारा रिफंड पोर्टल पर खुद को रजिस्टर्ड करना और
रिफंड के लिए पात्र होने के लिए आवेदन प्रक्रिया को पूरा करना होगा। सहारा पोर्टल के जरिए रिफंड क्लेम कर
इसे सबमिट करने पर एक एसएमएस मैसेज डिपॉजिटर के आधिकारिक मोबाइल नंबर पर आएगा। रिफंड क्लेम
करने के बाद सभी जानकारी को वेरीफाई किया जाएगा। सहारा सोसाइटी इस क्लेम प्रोसेस को करीब 30 दिन
के भीतर वैलिडेट कर देती है। सेबी सहारा रिफंड अकाउंट में 23,000 करोड़ रुपये से अधिक है। सरकार उम्मीद
कर रही है कि डिपॉजिटर्स को मौजूदा 5000 करोड़ रुपये दिए जाने के बाद सहारा रिफंड अकाउंट में अधिक
राशि ट्रांसफर करेगी।
पोर्टल पर रजिस्टर करने वाले निवेशकों के पैसे वापस करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आने वाले समय में
उनकी पूरी राशि वापस कर दी जाएगी। सरकार ने सहारा समूह की चार सहकारी समितियों में फंसे निवेशकों के
पैसे वापस लौटाने के लिए 18 जुलाई को ;सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल; लॉन्च किया था।
अमित शाह
सहकारिता मंत्री
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सौरव राय

सौरव राय (वरिष्‍ठ संवाददाता)
इन्हें घुमक्कड़ी और नई चीजों को जानने-समझने का शौक है। यही घुमक्कड़ी इन्हें पत्रकारिता में ले आया। अब इनका शौक ही इनका पेशा हो गया है। लेकिन इस पेशा में भी समाज के प्रति जवाबदेही और संजीदगी इनके लिए सर्वोपरि है। इन्होंने महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में स्नातकोत्तर और फिर एम.फिल. किया है। वर्तमान में ये हिन्दुस्थान समाचार समूह की पत्रिका ‘युगवार्ता’ साप्ताहिक में वरिष्‍ठ संवाददाता हैं।