फ्रांस में बजा भारत का डंका

युगवार्ता    05-Aug-2023   
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प्रधानमंत्री मोदी की दो देशों की यात्रा काफी लाभप्रद रही। इस दौरान दोनों ही देशों फ्रांस और यूएई के साथ कई अहम समझौते हुए। साथ ही प्रधानमंत्री को फ्रांस के सर्वोच्च सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया।
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फ्रांस के ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित हुए नरेन्द्र मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं। यह सर्वोच्च फ्रांसीसी सम्मान है। इसके अलावा एलिसी पैलेस में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और फ्रांस की प्रथम महिला ब्रिगिट मैक्रों ने पीएम मोदी की मेजबानी की। इस अधिकारिक यात्रा का इंतजार लम्बे समय से था। यह माना जा रहा था कि इस यात्रा से भारत रक्षा और आर्थिक क्षेत्र में एक नई पारी की शुरुआत करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी चैंप्स-एलिसीस में फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों के निमंत्रण पर सम्मानित अतिथि के रूप में बैस्टिल डे परेड में शामिल हुए। प्रतिष्ठित ला सीन म्यूजिकल में भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम को संबोधित किया। पीएम ने इस दौरान कहा कि आज का ये नजारा अपने आप में अद्भुत है, ये उत्साह अभूतपूर्व है, ये स्वागत उल्लास से भर देने वाला है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत की धरती एक बड़े परिवर्तन की गवाह बन रही है। इस परिवर्तन की कमान भारत के नागरिकों के पास है। भारत की बहन-बेटियों के पास है। भारत के युवाओं के पास है। आज पूरा विश्व, भारत के प्रति नई उम्मीद और नई आशा से भरा हुआ है। यूएन की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सिर्फ 10-15 साल के अंदर ही भारत ने लगभग 42 करोड़ देशवासियों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है। ये पूरे यूरोप की आबादी से भी ज्यादा है। ये पूरे अमेरिका की आबादी से भी ज्यादा है। प्रधानमंत्री का यह बयान अपने आप में भारत की विकास गाथा बयां कर रहा है। आज ये सुनकर कौन है जो इस गर्व से नहीं भर जाएगा कि भारत 10 साल में दुनिया की 10वीं से 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन गया। ये गर्व सिर्फ भारतीयों को ही नहीं होता है, आज दुनिया यह विश्वास करने लगी है कि भारत को 5 ट्रिलियन इकोनॉमी बनने में देर नहीं लगेगी।
फ्रांस में भारत के यूपीआई के उपयोग को लेकर भी समझौता हो गया है। आने वाले दिनों में इसकी शुरुआत आइफिल टावर से की जाएगी। ये भी तय हुआ है कि फ्रांस में मास्टर्स करने वाले भारतीय छात्रों को 5 साल का लॉन्ग टर्म पोस्ट स्टडी वीजा दिया जाएगा।
हम सभी जानते हैं की भारत विश्व का पहला देश है जहां डिजिटल पेमेंट बिलकुल मुफ्त है। कुछ साल पहले तक यह असम्भव लगने वाली बात आज शत-प्रतिशत सत्य हुई है। प्रधानमंत्री इसे वैश्विक स्तर पर ले जाना चाहते हैं। वे जानते हैं कि वैश्विक बाजार में अगर हम अग्रणी साबित हुए तो भारत को 5 ट्रिलियन अर्थव्यस्था बनने से कोई नहीं रोक सकता। पीएम ने अपने संबोधन में चंद्रयान-3 की लॉन्चिग की चर्चा की। उन्होंने कहा कि मैं संकल्प लेकर निकला हूं। शरीर का कण-कण और समय का पल-पल सिर्फ आप लोगों के लिए है, देशवासियों के लिए है। प्रधानमंत्री के इस ओजस्वी संबोधन के बाद स्टेडियम में लोग बेहद उत्साहित नजर आये। भारत की तरक्की को देख उनका भी सीना गर्व से चौड़ा हो गया।
पीएम मोदी इस कार्यक्रम के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की ओर से आयोजित एक निजी रात्रिभोज के लिए एलिसी पैलेस पहुंचें। वहां भी उनका जोरदार स्वागत हुआ। पीएम मोदी फ्रांस के बाद एक दिवसीय दौरे पर अबू धाबी पहुंचे और यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से बातचीत की। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच अहम समझौते हुए और पीएम मोदी और अल नाहयान तीन ऐतिहासिक समझौता ज्ञापनों (एमओयू) के आदान-प्रदान के गवाह बने। यूएई भारत का अहम साझेदार रहा है। भारत के भी रिश्ते यूएई से मधुर रहे हैं। प्रधानमंत्री की यह यात्रा इस सम्बन्ध को अगले स्तर पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इन दोनों यात्राओं को परिवर्तनकारी बताया।
 
यूएई के साथ अहम समझौते
-अबू धाबी में एक नया आईआईटी दिल्ली कैंपस खोलने के लिए समझौता हुआ है।
-दोनों देशों ने सीमा पार लेनदेन के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने और भुगतान प्रणालियों को आपस में जोड़ने का भी वादा किया।
-भारतीय रिजर्व बैंक और संयुक्त अरब अमीरात के सेंट्रल बैंक के बीच स्थानीय मुद्रा प्रणाली (रुपया और दिरहम) पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
-भारत के यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) और यूएई के इंस्टेंट पेमेंट प्लेटफॉर्म (आईपीपी) के एकीकरण के लिए समझौता किया गया है। इससे दोनों देशों के बैंक कार्ड के स्विचों को आपस में जोड़ने की सुविधा मिलेगी, ताकि घरेलू कार्डों की पारस्परिक स्वीकृति और किसी अन्य नेटवर्क पर भरोसा किए बिना सीधे कार्ड लेनदेन की प्रोसेसिंग की सुविधा मिल सके।
 
भारत-फ्रांस के बीच हुए समझौते
-पीएम मोदी की फ्रांस यात्रा के दौरान रक्षा क्षेत्र में आगे सहयोग बढ़ाने के लिए समझौते किए गए। दोनों देशों ने स्कॉर्पीन पनडुब्बी निर्माण कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किए।
-दोनों देशों के बीच रक्षा औद्योगिक सहयोग पर एक रोडमैप अपनाने के उद्देश्य से भारत पेरिस स्थित अपने दूतावास में डीआरडीओ का एक तकनीकी कार्यालय स्थापित करेगा।
- इंडियन ऑयल और फ्रांस की टोटल कंपनी के बीच एलएनजी के आयात को लेकर दीर्घकालिक समझौता हुआ।
-दोनों पक्षों ने पृथ्वी और महासागरों के तापमान पर नजर रखने और जलवायु परिवर्तन का अध्ययन करने की खातिर एक संयुक्त पृथ्वी अवलोकन उपग्रह ‘तृष्णा’ के लिए समझौते पर हस्ताक्षर करके अंतरिक्ष क्षेत्र में बड़े सहयोग की भी घोषणा की।
-दोनों देशों ने प्रक्षेपण यान के क्षेत्र में संयुक्त विकास की योजनाओं की भी घोषणा की।
- भारत-फ्रांस ने ‘न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड’ एवं ‘एरियनस्पेस’ ने वाणिज्यिक प्रक्षेपण सेवाओं पर सहयोग करने के आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए।
- रक्षा मंत्रालय ने फ्रांस से राफेल जेट के 26 नौसैनिक स्वरूप खरीदने और तीन फ्रांसीसी-डिजाइन वाली स्कॉर्पीन की पनडुब्बियों की खरीद के प्रस्तावों को मंजूरी दी।
- भारत फ्रांस के दक्षिणी शहर मार्सिले में वाणिज्य दूतावास खोलेगा।
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सौरव राय

सौरव राय (वरिष्‍ठ संवाददाता)
इन्हें घुमक्कड़ी और नई चीजों को जानने-समझने का शौक है। यही घुमक्कड़ी इन्हें पत्रकारिता में ले आया। अब इनका शौक ही इनका पेशा हो गया है। लेकिन इस पेशा में भी समाज के प्रति जवाबदेही और संजीदगी इनके लिए सर्वोपरि है। इन्होंने महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में स्नातकोत्तर और फिर एम.फिल. किया है। वर्तमान में ये हिन्दुस्थान समाचार समूह की पत्रिका ‘युगवार्ता’ साप्ताहिक में वरिष्‍ठ संवाददाता हैं।