तीर्थाटन-पर्यटन साथ-साथ

युगवार्ता    19-Jan-2024   
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हिमालय की गोद में बसा उत्तराखंड प्रकृति की भव्यता को दर्शाता है। यहां ऊंची-ऊंची चोटियां, हरे-भरे जंगल और कलकल बहती पवित्र नदियां हैं। शायद इसीलिए इसे ‘देवताओं की भूमि’ कहा जाता है। यहां के खूबसूरत स्थल देश-दुनिया के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं तो पौराणिक एवं आध्यात्मिक महत्व के स्थल तीर्थाटन को बढ़ावा दे रहे हैं। प्रदेश में पर्यटन एवं तीर्थाटन और फले-फूले इसके लिए धामी सरकार अपनी सांस्कृतिक विरासत को केंद्र में रख कर योजनाएं बना रही है। इसका सुखद परिणाम यह रहा है कि कोरोना के बाद से चारधाम यात्रा पर प्रत्येक वर्ष रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालु आ रहे हैं। पिछले यात्रा काल में 54 लाख से ज्यादा श्रद्धालु यहां पहुंचे थे।
 
- उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान पर्यटन सेक्टर में लगभग 48 हजार करोड़ के 437 एमओयू साइन हुए हैं।
- धामी सरकार की नई पर्यटन नीति 2023 का उद्देश्य आतिथ्य और अनुभवात्मक क्षेत्रों को हर दृष्टि से बढ़ावा देना है।
धामी सरकार तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष रूप से कनेक्टिविटी और संचार नेटवर्क के संदर्भ में बुनियादी ढांचे को बढ़ा रही है। यहां राज्य भर में जल क्रीड़ा, हवाई खेल और ट्रैकिंग जैसे साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार मिशन मोड पर कार्य कर रही है। राज्य में विभिन्न पैराग्लाइडिंग पाठ्यक्रम शुरू हुए हैं। इसके तहत उत्तराखंड के युवाओं को कुशल पैराग्लाइडिंग पायलट के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है।

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मसूरी के पास सर जॉर्ज एवरेस्ट का पूर्व निवास, जॉर्ज एवरेस्ट एस्टेट पर्यटकों के लिए विकसित किया गया है। इस एस्टेट से हिमालय दर्शन योजना शुरू हुई है। पर्यटकों को 15-20 मिनट की हेलीकॉप्टर यात्रा से हिमालय की चोटियों का विहंगम दृश्य देखने को मिलता है। यही नहीं ‘ब्रेकफास्ट टूरिज्म’ की अवधारणा शुरू करने की योजना पर काम चल रहा है। इसमें जॉर्ज एवरेस्ट एस्टेट से दयारा बुग्याल जैसे शांत स्थानों तक हेलीकॉप्टर की सवारी कर सकेंगे। कुछ वर्ष पूर्व तक प्रदेश में सिर्फ ऋषिकेश के आसपास ही रिवर राफ्टिंग या अन्य जल क्रीड़ा होता था लेकिन धामी सरकार ने गंगा के अलावा अन्य नदियों पर कयाकिंग और राफ्टिंग के शुल्क में छूट दिया है। इससे प्रदेश की विभिन्न नदियों में जल खेलों को प्रोत्साहन मिल रहा है। इसके लिए विश्व पर्यटन दिवस 2023 पर चंपावत जिले के टनकपुर में शारदा नदी पर एंगलिंग मीट और राष्ट्रीय राफ्टिंग चैंपियनशिप का तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया था। पर्यटकों की सुविधा के लिए कई स्थानों पर रोपवे योजना पर काम हो रहा है। नए पर्यटक स्थलों को विकसित किया जा रहा है। टिहरी, उत्तरकाशी, चंपावत और पिथौरागढ़ जिले इसमें शामिल हैं। देवभूमि उत्तराखंड मंदिरों का प्रदेश है। यहां के मंदिर रामायण, महाभारत और लोककथाओं से ओत-प्रोत है। इन्हें भी विकसित किया जा रहा है। इसमें चंपावत स्थित शिव को समर्पित बालेश्वर मंदिर, रुद्रप्रयाग जिले में कार्तिक स्वामी मंदिर, उत्तरकाशी में जगन्नाथ मंदिर जैसे दर्जनों मंदिर हैं। कुमाऊं में मंदिरों को विकसित करने के लिए मानसखंड मंदिर माला परियोजना पर कार्य हो रहा है।
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गुंजन कुमार

गुंजन कुमार (ब्‍यूरो प्रमुख)
प्रिंट मीडिया में डेढ़ दशक से ज्‍यादा का अनुभव। 'दैनिक हिंदुस्तान' से पत्रकारिता का प्रशिक्षण प्राप्त कर 'हरिभूमि' में कुछ समय तक दिल्ली की रिपोर्टिंग की। इसके बाद साप्ताहिक 'दि संडे पोस्ट' में एक दशक से ज्यादा समय तक घुमंतू संवाददाता के रुप में काम किया। कई रिपोर्टों पर सम्मानित हुए। उसके बाद पाक्षिक पत्रिका 'यथावत' से जुड़े। वर्तमान में ‘युगवार्ता’ पत्रिका में बतौर ब्‍यूरो प्रमुख कार्यरत हैं।