नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (हि.स.)। नौ बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और वेदांत दिल्ली हाफ मैराथन 2025 के अंतरराष्ट्रीय इवेंट एम्बेसडर कार्ल लुईस ने आगामी वर्ल्ड एथलेटिक्स गोल्ड लेबल रोड रेस को लेकर प्रतिभागियों को उत्साहित किया। उन्होंने कहा कि वेदांत दिल्ली हाफ मैराथन केवल प्रतियोगिता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सीमाओं को तोड़ने और विभिन्न जीवन क्षेत्रों के लोगों को एक साथ लाने वाले सांस्कृतिक बदलाव का प्रतीक है।
नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लुईस ने कहा कि सीमाओं को तोड़ना वेदांत दिल्ली हाफ मैराथन का मुख्य संदेश है। इसकी खासियत सिर्फ सीमाओं को तोड़ना ही नहीं, बल्कि खेल के माध्यम से जो सांस्कृतिक बदलाव यह लाता है। जब आम धावक ओलंपिक चैंपियनों के साथ दौड़ते हैं, तो यह दिखाता है कि दौड़ सभी को एक साथ जोड़ सकती है। यह मैराथन समावेश, दृढ़ता और हर कदम के साथ बदलाव लाने की शक्ति का प्रतीक है।
युवा और उभरते एथलीटों के लिए मार्गदर्शन देते हुए लुईस ने अपने अनुभव साझा किए और कहा, “सफलता के लिए बलिदान और लचीलापन जरूरी है। मैं कभी-कभी पार्टियों में नहीं जाता था ताकि मैं अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर सकूं। आज के समय में तुरंत परिणाम पाने की लालसा अक्सर बच्चों को सही दिशा से भटका देती है। मैंने कठिन रास्ता चुना और बदलाव को अपनाया क्योंकि महानता यही मांगती है। हर किसी के पास सुधार करने के लिए कुछ न कुछ है, और लक्ष्य तक पहुंचने में समय लग सकता है, लेकिन तुरंत संतोष की तलाश न करें। अपनी आखिरी मंजिल पर ध्यान केंद्रित रखें।”
कार्ल लुईस का शानदार करियर आज भी खिलाड़ियों और प्रशंसकों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने 1984 से 1996 तक चार ओलंपिक खेलों में भाग लिया और आधुनिक ओलंपिक इतिहास में ट्रैक एंड फील्ड में सबसे अधिक नौ स्वर्ण पदक जीते। उनका 1984 का प्रदर्शन लॉस एंजेल्स में जेसी ओवेन्स की 1936 की उपलब्धि की तरह याद किया जाता है, जिसमें उन्होंने 100 मीटर, 200 मीटर, लांग जम्प और 4x100 मीटर रिले में स्वर्ण जीता। इसके बाद सियोल 1988 में 100 मीटर फाइनल में विश्व रिकॉर्ड तोड़ा, लंबी कूद में 8.67 मीटर की छलांग लगाई और बार्सिलोना 1992 में यूएसए की विश्व रिकॉर्ड 4x100 मीटर रिले टीम का एंकर बने। उन्होंने अपने करियर को अटलांटा 1996 में लगातार चौथा लांग जम्प स्वर्ण जीतकर समाप्त किया।
वेदांत दिल्ली हाफ मैराथन का शुभारंभ 12 अक्टूबर को जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम से होगा। इसका खूबसूरत मार्ग दिल्ली के लोदी गार्डन से लेकर इंडिया गेट तक होकर गुजरेगा, जो प्रतिभागियों को विश्वस्तरीय दौड़ का अनुभव कराएगा। कार्ल लुईस की प्रेरणा के साथ 2025 का यह आयोजन दौड़ संस्कृति को और ऊंचाई पर ले जाने और सभी स्तरों के एथलीटों को अपनी सीमाओं को चुनौती देने और दौड़ की खुशी का जश्न मनाने के लिए प्रेरित करेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे