नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (हि.स.)। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीक़ी ने दुश्वारियों से बचने के लिए 05 दिसम्बर 2025 तक वक़्फ़ संपत्तियों को उम्मीद पोर्टल पर दर्ज कराने की अपील की। उन्होंने बताया कि इस को लेकर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा देशव्यापी जागरूकता अभियान चलाएगा, लोगों को जागरूक करेगा जिसके लिए टीम का गठन किया जाएगा।
सोमवार को विज्ञप्ति जारी कर उन्होंने कहा कि उम्मीद पोर्टल पर संपत्तियों का पंजीकरण करने से वक्फ की जमीनें एवं भवन स्थायी रूप से सुरक्षित रहेंगे। पंजीकरण न कराने पर संपत्ति का दर्जा समाप्त हो जाएगा। बाद में केवल वक्फ ट्रिब्यूनल के आदेश पर ही पुनः पंजीकरण संभव होगा। जमाल सिद्दीक़ी ने सभी मुतवल्लियों से अपील की है कि वे समय रहते अपने अभिलेखों की जांच कर उम्मीद पोर्टल पर विवरण दर्ज करें, ताकि किसी भी प्रकार की कानूनी कार्यवाही से बचा जा सके।
केंद्र सरकार ने वक्फ अधिनियम 2025 के बाद ‘उम्मीद पोर्टल’ की शुरुआत की है, जिसका मकसद है। मस्जिद, मदरसा, कब्रिस्तान और वक्फ ज़मीनों का सरकारी रिकॉर्ड तैयार करना रजिस्ट्रेशन होने पर संपत्ति कानूनी सुरक्षा में आ जाएगी और किसी भी ज़मीन पर आने वाले वक्त में अगर विवाद उठे तो सरकारी रिकॉर्ड गवाही देगा। देर हुई तो वक्फ संपत्तियां “अपंजीकृत एवं विवादित” कैटेगरी में चली जाएंगी और दस्तावेज़ न होने के कारण हक जताना मुश्किल हो जाएगा।
जमाल सिद्दीक़ी ने कहा कि इस डिजिटलीकरण से पारदर्शिता आयेगी सभी वक्फ संपत्तियों को 5 दिसंबर के भीतर केंद्रीय पोर्टल पर पंजीकृत करना अनिवार्य है, जिससे गलत प्रविष्टियां रोकने और सूचना का केंद्रीकरण सुनिश्चित होगा । डाटाबेस होने से हेरा फैरी कर हड़पी गई प्रॉपर्टी को ढूंढने में आसानी होगी । महिलाओं के अधिकार सुनिश्चित होगा परिवार-वक्फ में महिला उत्तराधिकारियों का हक़ सुरक्षित होगा, और वे वक्फ घोषणा से पहले अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित कर सकेंगी ।
उन्होंने कहा कि गैर‑वैध वक्फ की रोकथाम होगी ‘वक्फ बाय यूज़र’ की परंपरागत अवधारणा समाप्त, और केवल औपचारिक रूप से घोषित वक्फ को मान्यता मिलेगी । वक्फ संपत्ति अब ऑनलाइन केंद्रीय पोर्टल पर रजिस्टर्ड होने से बेईमानी और गलत प्रविष्टियों पर लगाम लगेगी, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
उन्होंने कहा कि वक़्फ़ की संपत्तियों को कब्ज़ा करना अब नामुमकिन होगा। वक़्फ़ के असली वाक़िफ़ की मंशा के मुताबिक़ वक़्फ़ प्रॉपर्टी क़ौम की भलाई और तरक्की के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा, अब इसमें भी तेज़ी आएगी । डाटा बेस ऑनलाइन होने से जो लोग कई सालों तक मुतावल्ली गैरकानूनी तरीक़े से मुतवल्ली बने बैठे रहते हैं उन पर अंकुश लगेगा, वक़्फ़ कमेटी में पारदर्शिता आयेगी। मार्किट वैल्यू के हिसाब से किराया फिक्स करने में आसानी होगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी