भारतमाला परियोजना मुआवजा घोटाला : ईओडब्ल्यू ने छत्तीसगढ़ की विशेष अदालत में 10 आरोपितों के खिलाफ चालान किया पेश

युगवार्ता    13-Oct-2025
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ईओडब्ल्यू ने पेश किया विशेष अदालत में  7,600 पन्नों का चालान


रायपुर, 13 अक्टूबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत बन रहे रायपुर-विशाखापट्टनम इकोनॉमिक कॉरिडोर में हुए 48 करोड़ रुपये के मुआवजा घोटाले के मामले में ईओडब्ल्यू ने आज सोमवार को विशेष अदालत में 10 आरोपितों के खिलाफ 7,600 पन्नों का चालान पेश किया।

इस प्रकरण पर दो एसडीएम समेत राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज हैं। साथ ही एनएचएआई के चार अधिकारियों के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज किया गया है। जांच एजेंसी ने जिन्हें आरोपित बनाया है। उनमें हरमीत सिंह खनूजा, उमा तिवारी, केदार तिवारी, विजय जैन, कुंदन बघेल, भोजराज साहू, खेमराज कोसले, पुन्नूराम देशलहरे, गोपाल वर्मा और नरेंद्र नायक शामिल हैं। इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने मिलजुलकर भारतमाला प्रोजेक्ट के नाम पर सरकारी धन की बंदरबांट और आर्थिक अनियमितताओं को अंजाम दिया।

ईओडब्ल्यू ने जानकारी दी है कि आराेपितों ने जमीन के अलग-अलग हिस्‍से करके भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को 78 करोड़ का भुगतान दिखाया गया था।एसडीएम, पटवारी और भू-माफिया के गठजोड़ ने पुराने दस्तावेजों की तारीख बदलकर इस गड़बड़ी को अंजाम दिया।

न्यायालयीय सूत्रों के अनुसार ईओडब्ल्यू की ओर से अदालत में प्रस्तुत चालान में बैंक ट्रांजैक्शन, कंपनियों के पंजीकरण दस्तावेज, ईमेल रिकॉर्ड्स, मोबाइल कॉल डिटेल्स, और ठेके की स्वीकृति प्रक्रिया से जुड़ी पूरी फाइलिंग शामिल है।जांच में यह भी सामने आया है कि प्रोजेक्ट के तहत भूमि अधिग्रहण, मापदंड निर्धारण और भुगतान प्रक्रिया में प्रभावशाली लोगों की मिलीभगत थी। इनसे जुड़े कई अफसरों और ठेकेदारों से ईओडब्ल्यू पहले ही पूछताछ कर चुकी है, जिनके बयान चालान में संलग्न किए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की भारतमाला परियोजना योजना है के तहत देशभर में सड़कों और हाइवे का जाल बिछाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत राजधानी रायपुर से विशाखपट्टनम तक 950 किमी सड़क निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना में रायपुर से विशाखापटनम तक फोरलेन सड़क और दुर्ग से आरंग तक सिक्सलेन सड़क बनना प्रस्तावित है। इस सड़क के निर्माण के लिए सरकार ने कई किसानों की जमीनें अधिग्रहित की है। इसके एवज में उन्हें मुआवजा दिया जाना है, लेकिन कई किसानों को अब भी मुआवजा नहीं मिल सका है। विधानसभा बजट सत्र 2025 के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद इस मामले में जांच का फैसला लिया गया था।

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हिन्दुस्थान समाचार / केशव केदारनाथ शर्मा

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