स्टॉकहोम, 13 अक्टूबर (हि.स)। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने वर्ष 2025 के लिए अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार जोएल मोकिर, फिलिप एघियन और पीटर होविट को देने की सोमवार को घोषणा की।नोबेल समिति ने एक बयान में कहा कि अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में वर्ष 2025 के लिए अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार तीन अर्थशास्त्रियों को दिया जाएगा। पुरस्कार स्वरूप विजेताओं को संयुक्त रूप से 11 मिलियन स्वीडिश क्रोना (1.2 मिलियन डॉलर) और प्रशस्ति पत्र मिलेंगे। ये पुरस्कार 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में आयोजित एक समारोह में दिए जाएंगे।रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने कहा कि जोएल मोकिर, फिलिप एघियन और पीटर होविट को नवाचार-संचालित आर्थिक विकास की व्याख्या करने के लिए 2025 का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया जाएगा। पुरस्कार का आधा हिस्सा मोकिर को 'तकनीकी प्रगति के माध्यम से सतत विकास को लेकर आवश्यक शर्तों की पहचान करने के लिए' और शेष आधा हिस्सा एघियन और होविट को 'रचनात्मक विनाश के माध्यम से सतत विकास के सिद्धांत के लिए' संयुक्त रूप से दिया जाएगा।अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार को औपचारिक रूप से अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में आर्थिक विज्ञान में बैंक ऑफ स्वीडन पुरस्कार के रूप में जाना जाता है। बैंक ने 19वीं सदी के स्वीडिश व्यवसायी और रसायनज्ञ नोबेल की स्मृति में 1968 में इसकी स्थापना की थी। नोबेल ने डायनामाइट का आविष्कार किया था और 5 नोबेल पुरस्कारों की स्थापना की थी। तब से ये पुरस्कार कुल 96 विजेताओं को 56 बार प्रदान किया जा चुका है। अब तक अर्थशास्त्र के नोबेल विजेताओं में केवल तीन महिलाओं का नाम है। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष का नोबल पुरस्कार तीन अर्थशास्त्रियों- डेरॉन ऐसमोग्लू, साइमन जॉनसन और जेम्स ए. रॉबिन्सन को दिया गया था।
जोएल मोकिर का वर्ष 1946 में नीदरलैंड्स के लीडेन में जन्म हुआ। 1974 में अमेरिका के येल विश्वविद्यालय पीएचडी प्राप्त की। वर्तमान में अमेरिका के नॉर्थवेस्टर्न विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं।फिलिप एघियन का जन्म 1956 में फ्रांस के पेरिस में हुआ। वर्ष 1987 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। वर्तमान में ब्रिटेन के लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस में प्रोफेसर हैं।पीटर होविट का जन्म 1946 में कनाडा में हुआ। वर्ष 1973 में अमेरिका के नॉर्थवेस्टर्न विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। वर्तमान में अमेरिका के ब्राउन विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर