नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (हि.स.)।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री तरूण चुग ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के ऑपरेशन ब्लूस्टार पर बोले गए झूठ और कांग्रेस की 1984 में नरसंहार में भूमिका उजागर की। कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए तरुण चुग ने कहा कि यह कैसे संभव है कि श्री हरमंदिर साहिब पर टैंक और तोपें बिना तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सहमति और आदेश के चलाई गई हों। सच को तोड़-मरोड़कर पेश करना शहीदों का अपमान है और इतिहास के सबसे काले अध्याय को ढकने की शर्मनाक कोशिश है। सिख नरसंहार के दोषियों को बचाने के पाप से कांग्रेस कभी बच नहीं सकती।
सोमवार को तरुण चुग ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 1984 के सिख नरसंहार के दोषियों को चार दशक तक बचाया और संरक्षण दिया। जगदीश टाइटलर, सज्जन कुमार और एचकेएल भगत जैसे नेताओं, जिन पर 52 जिलों में निर्दोष सिखों की बर्बर हत्याओं के आरोप लगे, को कांग्रेस ने ढाल बनकर बचाया।
चुग ने यह भी कहा कि 1984 सिख नरसंहार से पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने का मार्ग प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने ही प्रशस्त किया। चाहे वह एसआईटी का गठन हो, पुनर्वास, उचित मुआवज़ा या पीड़ित परिवारों को नौकरी की सुरक्षा देना—हर मोर्चे पर मोदी सरकार ने संवेदनशीलता दिखाई। जब कांग्रेस नेता नरसंहार की योजना बना रहे थे, तब भाजपा और आरएसएस के कार्यकर्ता ही थे जिन्होंने पीड़ित परिवारों के घावों पर मरहम लगाया।
उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर राहुल गांधी और सोनिया गांधी क्यों 1984 के सिख नरसंहार की विधवाओं की पीड़ा को लगातार नज़रअंदाज़ करते रहे।
चुग ने कहा कि हजारों सिख परिवारों के ज़ख्म आज भी हरे हैं क्योंकि कांग्रेस ने हमेशा पीड़ितों की बजाय हत्यारों का साथ दिया।”
चुग ने पंजाब कांग्रेस नेताओं चरणजीत सिंह चन्नी, प्रताप सिंह बाजवा और अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग से सीधा सवाल किया की “क्या वे उन सिख परिवारों के साथ खड़े हैं जिन्होंने अपनों को खोया, या उस कांग्रेस पार्टी के साथ खड़े हैं जिसने यह नरसंहार रचा और अपराधियों को बचाया?”
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री पी चिदंबरम यह टिप्पणी हिमाचल प्रदेश के कसौली में आयोजित खुशवंत सिंह लिटरेरी फेस्टिवल 2025 के दौरान की। वे पत्रकार हरिंदर बावेजा की किताब 'दे विल शूट यू, मैडम' पर एक चर्चा का संचालन कर रहे थे। इसी चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि ऑपरेशन ब्लू स्टार एक गलत तरीका था और इंदिरा गांधी ने इस गलती की कीमत अपनी जान देकर चुकाई। चिदंबरम ने यह भी कहा कि यह निर्णय अकेले इंदिरा गांधी का नहीं था, बल्कि सेना, पुलिस, खुफिया एजेंसियों और प्रशासन का सामूहिक फैसला था। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी को पूरी तरह दोष देना सही नहीं है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी