लंदन, 14 अक्टूबर (हि.स.)। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कियर स्टार्मर ने मंगलवार को कहा कि उनका देश गाज़ा में हमास को निरस्त्र (डिसआर्म) करने की प्रक्रिया में अग्रणी भूमिका निभा सकता है, जैसा कि उसने उत्तरी आयरलैंड में सशस्त्र समूहों को हथियार छोड़ने के लिए प्रेरित किया था।
स्टार्मर ने ब्रिटिश संसद में कहा कि यदि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित इजराइल-हमास युद्धविराम को स्थायी बनाना है, तो गाजा का निरस्त्रीकरण बेहद जरूरी होगा। यह कदम ट्रंप की 20-सूत्रीय शांति योजना का पहला चरण है, जिसका उद्देश्य फिलिस्तीनी क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित करना है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोनाथन पॉवेल, जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर के साथ मिलकर 1998 का गुड फ्राइडे समझौता तैयार किया था, इस प्रक्रिया में मुख्य भूमिका निभा सकते हैं। इसी समझौते ने उत्तरी आयरलैंड में तीन दशकों तक चले सांप्रदायिक हिंसा को समाप्त करने में अहम योगदान दिया था।
तीन यूरोपीय राजनयिकों ने बताया कि उत्तरी आयरलैंड मॉडल को गाजा के लिए संभावित उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है, हालांकि अभी तक कोई ठोस योजना नहीं बनी है।
स्टार्मर ने कहा, “यह कठिन कार्य होगा, लेकिन आवश्यक है। यह उत्तरी आयरलैंड में आईआरए (आयरिश रिपब्लिकन आर्मी) के साथ भी कठिन था, फिर भी हमने सफलता हासिल की। अब हम उसी अनुभव के आधार पर गाजा में निरस्त्रीकरण प्रक्रिया में मदद के लिए तैयार हैं।”
आईआरए ने 2005 में अपने सशस्त्र संघर्ष को समाप्त करने की घोषणा की थी और स्वतंत्र निरीक्षकों की उपस्थिति में अपने हथियार निष्क्रिय किए थे। गुड फ्राइडे समझौते में पुलिस सुधार, सशस्त्र समूहों का निरस्त्रीकरण, सुरक्षा व्यवस्था का सामान्यीकरण और कैदियों की रिहाई जैसे मुद्दों को शामिल किया गया था।
हालांकि, आईआरए ने कभी शासन नहीं किया, जबकि हमास 2007 से गाजा का प्रशासन चला रहा है और सभी सार्वजनिक संस्थाओं पर नियंत्रण रखता है।
रिपोर्ट के अनुसार, पॉवेल हाल ही में मिस्र में गाजा पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल हुए, जहां उन्होंने ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ के साथ शांति वार्ता पर चर्चा की। विटकॉफ ने सोशल मीडिया पर पॉवेल की “अद्भुत भूमिका और अथक प्रयासों” की सराहना की।
इजराइली अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि किसी भी अंतिम समझौते में हमास का पूर्ण निरस्त्रीकरण अनिवार्य होगा।
ट्रंप ने यह भी घोषणा की है कि वह “बोर्ड ऑफ पीस” नामक एक निकाय गठित करेंगे जो गाजा के प्रशासन की निगरानी करेगा। उन्होंने कहा कि पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर इसमें भूमिका निभा सकते हैं, हालांकि इस पर अंतिम सहमति अभी नहीं बनी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय