ब्रिटेन और अमेरिका ने दक्षिण-पूर्व एशियाई ठगी नेटवर्क पर लगाए प्रतिबंध, जबरन काम कराने वाले गिरोह पर कसा शिकंजा

युगवार्ता    14-Oct-2025
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लंदन, 14 अक्टूबर (हि.स.)। ब्रिटेन और अमेरिका ने मंगलवार को एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी नेटवर्क पर संयुक्त रूप से प्रतिबंध लगाए हैं। यह नेटवर्क दक्षिण-पूर्व एशिया में सक्रिय था और जबरन काम कराने के लिए मानव तस्करी का सहारा लेकर बड़े पैमाने पर ऑनलाइन ठगी को अंजाम दे रहा था।

ब्रिटिश सरकार के अनुसार कंबोडिया, म्यांमार और क्षेत्र के अन्य देशों में स्थित ये “स्कैम सेंटर्स” फर्जी नौकरी के विज्ञापनों के जरिये लोगों को अपने जाल में फंसाते थे। बाद में इन पीड़ितों को धमकाकर ऑनलाइन धोखाधड़ी करने के लिए मजबूर किया जाता था। इन केंद्रों में कई मजदूरों को प्रताड़ित किया जाता था और उनसे झूठे निवेश या फर्जी रोमांटिक रिश्तों के माध्यम से लोगों से धन हड़पने का काम कराया जाता था।

ब्रिटेन की विदेश मंत्री यवेट कूपर ने कहा, “इन भयावह ठगी केंद्रों के सरगना न केवल निर्दोष लोगों की जिंदगियां बर्बाद कर रहे हैं, बल्कि अवैध रूप से कमाए धन से लंदन में संपत्तियां भी खरीद रहे हैं। हमारा उद्देश्य इस बढ़ते अंतरराष्ट्रीय खतरे का मुकाबला करना और हमारे समाज से गंदे पैसे को दूर रखना है।”

अमेरिकी वित्त सचिव स्कॉट बेसेंट ने अपने बयान में कहा कि ऐसे अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन धोखाधड़ी नेटवर्क ने अमेरिकी नागरिकों को अरबों डॉलर का नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि “कई लोगों की जीवनभर की बचत कुछ ही मिनटों में खत्म हो गई।”

दोनों देशों का मानना है कि यह कार्रवाई मानव तस्करी, साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी के खिलाफ एक सशक्त कदम साबित होगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय

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