ईरान में दो फ्रांसीसी नागरिकों को सख्त सजा पर फ्रांस का विरोध, कहा- ‘मनमाने और आधारहीन आरोप’

युगवार्ता    16-Oct-2025
Total Views |

पेरिस, 16 अक्टूबर (हि.स.)। फ्रांस ने ईरान में अपने दो नागरिकों को जासूसी के आरोप में दी गई लंबी कैद की सजा की कड़ी निंदा की है। फ्रांस ने कहा है कि आरोप निराधार हैं और सजा पूरी तरह मनमानी है।

फ्रांसीसी नागरिक सेसिल कोहलर और उनके साथी जैक पेरिस को वर्ष 2022 से हिरासत में रखा गया है। वे उन कई विदेशी या दोहरी नागरिकता वाले लोगों में शामिल हैं जिन्हें ईरान ने हाल के वर्षों में जासूसी या राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े आरोपों में कैद किया है। मानवाधिकार संगठनों और पश्चिमी देशों का कहना है कि ईरान ऐसे लोगों को राजनयिक सौदेबाजी के साधन के रूप में इस्तेमाल करता है, हालांकि तेहरान इन आरोपों से इंकार करता है।

फ्रांस ने की तत्काल रिहाई की मांग

फ्रांस के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पास्कल कॉन्फाव्रू ने गुरुवार को ककहा, “मैं हमारे दो हमवतन सेसिल कोहलर और जैक पेरिस के बारे में विशेष रूप से कहना चाहता हूं, जिन्हें ईरान में तीन साल से अधिक समय से हिरासत में रखा गया है। इन्हें हाल ही में बेहद लंबी सजा सुनाई गई है। इन पर लगाए गए आरोप चाहे जो भी हों पूरी तरह बेबुनियाद हैं। हम उनकी तुरंत रिहाई की मांग करते हैं।”

ईरान की अदालत ने दी कठोर सजा

ईरान की अर्ध-सरकारी समाचार एजेंसी फार्स के अनुसार, 14 अक्टूबर को अदालत ने दोनों फ्रांसीसी नागरिकों को सजा सुनाई। एक व्यक्ति को फ्रांस की ओर से जासूसी के लिए छह वर्ष, राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ साजिश के लिए पांच वर्ष और इजराइल की खुफिया एजेंसी की सहायता के लिए बीस वर्ष की सजा दी गई। दूसरे नागरिक को जासूसी के लिए दस वर्ष, साजिश के लिए पांच वर्ष और इजराइल को सहयोग देने के लिए सत्रह वर्ष की कैद सुनाई गई।

कैदियों की हालत को लेकर चिंता

फ्रांस ने बार-बार कहा है कि कोहलर और पेरिस को तेहरान की एविन जेल में अमानवीय परिस्थितियों में रखा गया है और उन्हें दूतावासीय सहायता से भी वंचित रखा गया है। ईरान ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।

इसी बीच, तेहरान ने फ्रांस पर भी आरोप लगाया है कि उसने महदिएह इस्फंदियारी (एक ईरानी छात्रा) को 2025 में इजराइल विरोधी सोशल मीडिया पोस्ट के कारण मनमाने ढंग से हिरासत में लिया है।

उधर, एक 18 वर्षीय फ्रांसीसी-जर्मन साइकिलिस्ट लेनार्ट मॉन्टरलोस, जिसे ईरान ने इसी वर्ष जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था, को पिछले सप्ताह अदालत द्वारा बरी किए जाने के बाद रिहा कर दिया गया।

दोनों देशों के बीच यह मामला अब राजनयिक तनाव का प्रमुख मुद्दा बन गया है।

------------------

हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय

Tags