नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (हि.स)। केद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) का चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत के विकास दर के अनुमान को बढ़ाकर 6.6 फीसदी करना देश की आर्थिक मजबूती और मजबूत बुनियादी ढांचे का प्रमाण है। आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत के आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.4 फीसदी से बढ़ाकर 6.6 फीसदी कर दिया है।
केद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने नई दिल्ली में रसायन एवं पेट्रोरसायन उद्योग के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने 7.8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है, जो पिछले पांच तिमाहियों में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि यह वृद्धि देश में निवेश, उपभोक्ता खर्च में वृद्धि और जीएसटी में कटौती के कारण आर्थिक आत्मविश्वास को दर्शाती है। इसी महीने विश्व बैंक ने भी भारत के वृद्धि अनुमान को 6.3 फीसदी से बढ़ाकर 6.5 फीसदी किया था।
गोयल ने उद्योग से वैश्विक निर्यात में भारत का हिस्सा बढ़ाकर अंतरराष्ट्रीय व्यापार में नेतृत्व करने की अपील की। उन्होंने कहा कि कभी-कभी उद्योग मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) में मामूली रियायतों को लेकर अनावश्यक आपत्ति करता है, जो देश की कमजोर छवि पेश करता है। उन्होंने आपूर्ति शृंखला की मजबूती और विविधीकरण पर जोर देते हुए कहा कि एक ही आपूर्तिकर्ता या सीमित देशों पर निर्भरता से इस क्षेत्र में जोखिम उत्पन्न हो सकता है। वाणिज्य मंत्री ने कहा कि कुछ उत्पादों के लिए घरेलू संरक्षण जरूरी हो सकता है लेकिन अन्य मामलों में उद्योग को वैश्विक बाजारों के साथ जुड़े रहकर अपनी दक्षता और प्रतिस्पर्धात्मकता बनाए रखनी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हम निश्चित रूप से अपनी आपूर्ति शृंखलाओं में किसी एक भौगोलिक क्षेत्र की कृपा पर नहीं रहना चाहते हैं जो किसी एक उद्योग को पंगु बना दे। हालांकि, कुछ ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं, जिन्हें ठोस संरक्षण की जरूरत है।’’उन्होंने उद्योग को सहयोगी नजरिया अपनाने, मूल्य निर्धारण, डंपिंग और गैर-शुल्क बाधाओं से उत्पन्न समस्याओं को साझा करने और मंत्रालय से समय पर उपाय सुनिश्चित करने का भी भरोसा दिलाया।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर