नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (हि.स.)। भारतीय रेल ने सोशल मीडिया पर पुराने और भ्रामक वीडियो साझा करने वाले व्यक्तियों और समूहों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई शुरू की है और इन मामलों में एफआइआर दर्ज करने की प्रक्रिया भी शुरू की है।
रेलवे ने बताया कि ट्विटर इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स पर कुछ फेक प्रोफाइल्स भीड़भाड़ वाले प्लेटफ़ॉर्म्स ट्रेनों और स्टेशनों की तस्वीरें साझा कर अफरा-तफरी फैलाने का प्रयास कर रहे थे।
पिछले चार दिनों में भारतीय रेल ने 20 से अधिक ऐसे वीडियो सार्वजनिक रूप से पुराना और भ्रामक स्टैम्प किए हैं और जांच में पाया कि ये वीडियो पुराने सालों के थे जिन्हें वर्तमान त्योहार सीजन की भीड़ से जोड़कर गलत तरीके से साझा किया जा रहा था।
रेलवे ने कहा कि ऐसे लोगों पर रेलवे अधिनियम की धारा 145(बी) के तहत कार्रवाई की जा रही है और दोषियों को छह महीने तक की सजा हो सकती है।
भारतीय रेल ने साफ किया कि झूठे संपादित या पुराने कंटेंट के जरिए जनता को गुमराह करने या रेलवे की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति या समूह के प्रति कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर