दिग्गज कोच माइकल बोहल ने भारतीय तैराकों को सराहा, बोले- और अधिक तैराकों की जरूरत

युगवार्ता    02-Oct-2025
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भारतीय तैराकी दल


अहमदाबाद, 2 अक्टूबर (हि.स.)। चीन ने बुधवार को वीर सावरकर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 11वीं एशियाई एक्वेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में 49 पदक (38 स्वर्ण, 8 रजत और 3 कांस्य) जीतकर ओवरऑल चैंपियन का खिताब जीतकर एक बार फिर पूल में अपनी श्रेष्ठता साबित की। भारत के लिए यह चैंपियनशिप एक ऐतिहासिक उपलब्धि रही, क्योंकि भारत ने अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 13 पदक (4 रजत, 9 कांस्य) जीते और कुल मिलाकर नौवां स्थान हासिल किया, जो वाटर स्पोर्ट्स में देश की बढ़ती प्रभुता का प्रमाण है।

चीन के इस शानदार अभियान की कमान ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज तैराकी कोच माइकल बोहल के हाथों में है। उनको 33 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। 2008 से 2021 के बीच हर संस्करण में एथलीटों को ओलंपिक पोडियम तक पहुंचाने वाले बोहल पांच बार की ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता एम्मा मैककॉन और तीन बार की चैंपियन स्टेफ़नी राइस को अपनी सबसे प्रतिष्ठित शिष्यों में गिनते हैं।

ऑस्ट्रेलियाई स्पोर्ट्स मेडल एंड ऑर्डर ऑफ़ ऑस्ट्रेलिया पदक विजेता ने कहा, हमें नहीं पता था कि इस प्रतियोगिता में क्या उम्मीद करनी है। पिछली बार यह 2016 में आयोजित हुई थी और चीन के पास 18 स्वर्ण पदक थे और यही हमारा लक्ष्य था। और मुझे विश्वास है कि हम उससे आगे निकल गए, इसलिए हम बहुत खुश हैं।

इस बीच, भारत ने इस खेल में अपनी पहचान बनाना शुरू कर दिया है, जिसमें श्रीहरि नटराज, ऋषभ दास, कुशाग्र रावत, रोहित बी बेनेडिक्टॉन, साजन प्रकाश और भव्या सचदेवा जैसे युवा तैराक उभर रहे हैं। इस सबने तैराकी में भारत के लिए व्यक्तिगत पदक जीते, जबकि इंदिवर सैरेम और विल्सन सिंग निंगथौजम ने डाइविंग में भारत को पहला पदक दिलाकर इतिहास रच दिया।

बोहल ने कहा, मुझे लगता है कि भारत ने यहां बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। कुछ बेहतरीन खिलाड़ी भी हैं। मुझे लगता है कि पुरुषों ने ख़ास तौर पर बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। मुझे लगता है कि बुधवार रात 400 मीटर फ़्रीस्टाइल में एक महिला ने पदक जीता। इसलिए जब भी आप किसी एशियाई स्तर की प्रतियोगिता में पोडियम पर पहुंचते हैं, तो यह देश के लिए अच्छी बात होती है।

श्रीहरि नटराज ने सात पदक (3 व्यक्तिगत, 4 रिले) के साथ भारतीय दल का नेतृत्व किया। इसके अलावा भारतीय दल में वृत्ति अग्रवाल, धीनिधि देसिंघु, सान्वी देशवाल, अद्वैत पेज, निथिक नथेला और जशुआ थॉमस दुरई जैसे प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ी भी शामिल हैं, जिन्होंने इस एशियाई प्रतियोगिता में अपार संभावनाएं और क्षमता दिखाई।

बोहल ने आगे कहा,” मुझे लगता है कि आपके पास कुछ अच्छे अग्रणी तैराक हैं, बस आपको और अधिक तैराकों की ज़रूरत है। और मुझे लगता है कि वहाँ आपकी आबादी भी अच्छी है। जैसा कि आप जानते हैं, भारत में भी चीन के समान ही बहुत बड़ी आबादी है। इसलिए मुझे लगता है कि जैसे-जैसे कोचिंग बेहतर होती है, जैसे-जैसे आपके पास ज़्यादा महत्वपूर्ण समूह होता है और ज़्यादा तैराक अच्छा प्रदर्शन करते हैं, यह शीर्ष तैराकों पर दबाव डालता है।”

बोहल ने कहा कि अगर आप दुनिया के शीर्ष देशों-अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया को देखें, तो यह सिर्फ़ एक या दो तैराकों की बात नहीं है। एक ऐसा आधारभूत समूह है जो शीर्ष तैराकों पर दबाव बनाने में बहुत अच्छा काम कर रहा है। वह कहते हैं, “आपके पास एक ऐसा पूल होना चाहिए जो शीर्ष तैराकों पर दबाव बनाने में सक्षम हो। इसलिए मुझे लगता है कि जैसे-जैसे आप और गहराई हासिल करना शुरू करेंगे, आपको तैराकी में और भी बड़े सुधार देखने को मिलेंगे। 11वीं एशियाई एक्वेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में भारत के लिए निश्चित रूप से कुछ बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी रहे हैं।”

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे

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