जेनेवा, 22 अक्टूबर (हि.स.)। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस ने बुधवार को देशों से आग्रह किया कि वे चरम मौसम और जलवायु आपदाओं से लोगों की सुरक्षा के लिए प्रभावी ‘आपदा पूर्व चेतावनी प्रणाली’ (Early Warning Systems) लागू करें। उन्होंने चेताया कि अब कोई भी देश वैश्विक तापन (Global Warming) के दुष्प्रभावों से सुरक्षित नहीं है।
गुटेरेस ने जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र की विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर कहा, “पिछले 10 वर्ष इतिहास के सबसे गर्म रहे हैं। समुद्र का तापमान लगातार रिकॉर्ड तोड़ रहा है और इससे पारिस्थितिक तंत्र नष्ट हो रहे हैं। आग, बाढ़, तूफान और लू जैसी आपदाएं अब हर देश के लिए खतरा बन चुकी हैं।”
उन्होंने कहा कि यदि किसी आपदा की चेतावनी 24 घंटे पहले मिल जाए, तो उससे होने वाले नुकसान को लगभग 30 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। गुटेरेस ने बताया कि इन चेतावनी प्रणालियों से “किसानों को अपनी फसलों और पशुधन की रक्षा करने, परिवारों को सुरक्षित रूप से निकालने और पूरे समुदायों को विनाश से बचाने में मदद मिलती है।”
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 50 वर्षों में मौसम, जल और जलवायु से जुड़ी आपदाओं ने दो मिलियन (20 लाख) से अधिक लोगों की जान ली, जिनमें 90 प्रतिशत मौतें विकासशील देशों में हुईं।
गुटेरेस ने बताया कि अब तक 60 प्रतिशत देशों ने बहु-आपदा चेतावनी प्रणाली लागू की है। वर्ष 2022 में उन्होंने यह लक्ष्य रखा था कि साल 2027 तक हर देश इस प्रणाली को अपनाए।
महासचिव ने कहा कि विकासशील देश धीमी आर्थिक वृद्धि और भारी कर्ज बोझ के कारण इन प्रणालियों में निवेश नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने आने वाले ब्राजील में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन (COP) में देशों से अपील की कि वे विकासशील देशों के लिए सालाना 1.3 ट्रिलियन डॉलर की जलवायु वित्त व्यवस्था 2035 तक सुनिश्चित करने की योजना पर सहमति बनाएं।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय