जोधपुर, 26 अक्टूबर (हि.स.)। लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता और समाजसेवी सोनम वांगचुक की रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत जोधपुर सेंट्रल जेल में हिरासत का मामला फिर सुर्खियों में है। वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे. अंग्मो ने रविवार को अपने 'एक्स' हैंडल पर एक भावनात्मक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने कहा कि वांगचुक को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है और स्वतंत्र झड़पों में उनका नाम गलत तरीके से जोड़ा गया है।
गीतांजलि ने बताया कि 24 अक्टूबर को एडवाइजरी बोर्ड के समक्ष सुनवाई के दौरान वे स्वयं भी मौजूद थीं। इस दौरान सोनम वांगचुक ने बोर्ड के सामने विस्तार से बताया कि कैसे उनके बयानों और वीडियो को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया, जिसके आधार पर उन्हें एनएसए के तहत बंदी बना लिया गया।
गीतांजलि ने आरोप लगाया कि अनुवाद के दौरान जानबूझकर उनके शब्दों का गलत अर्थ निकाला गया और सीआरपीएफ, लद्दाख पुलिस और अज्ञात व्यक्तियों के बीच हुई झड़पों को वांगचुक के नाम से जोड़ा गया, जो न्याय और लोकतंत्र का उपहास है।
पोस्ट में उन्होंने लिखा कि इन सबके बावजूद सोनम वांगचुक शांत और दृढ़ हैं। उन्होंने एडवाइजरी बोर्ड के सामने कहा, “इंसाफ के घर देर है, अंधेर नहीं।” वांगचुक ने विश्वास जताया कि “सत्यमेव जयते – सत्य की ही जीत होगी।”
अंग्मो ने अंत में दुनिया भर से वांगचुक के समर्थन में खड़े लोगों के प्रति आभार जताया और कहा कि सत्य और न्याय के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / सतीश