
कोलकाता, 27 अक्टूबर (हि. स.)। विशेष मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया (एसआईआर) को लेकर पश्चिम बंगाल में सियासत तेज हो गई है। तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को चुनाव आयोग को कड़ा संदेश देते हुए चेतावनी दी कि यदि राज्य के किसी वैध मतदाता का नाम मतदाता सूची से हटाया गया, तो पार्टी दिल्ली में चुनाव आयोग के दफ्तर का घेराव करेगी। इस आंदोलन में एक लाख से अधिक कार्यकर्ता और समर्थक शामिल होंगे।
तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पार्टी किसी भी कीमत पर वैध मतदाताओं के अधिकारों से समझौता नहीं करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एसआईआर की प्रक्रिया के नाम पर बंगाल में मतदाता सूची में हेरफेर करने की साजिश रच रही है।
इधर, सोमवार को दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने घोषणा की कि बिहार के बाद अब पश्चिम बंगाल सहित 12 राज्यों में एसआईआर प्रक्रिया लागू की जा रही है। इस प्रक्रिया के तहत वैध और अद्यतन मतदाता सूची तैयार की जाएगी। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, अगले वर्ष होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले यह प्रक्रिया राजनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का मानना है कि भाजपा मतदाता सूची में गड़बड़ी कर चुनावी लाभ लेना चाहती है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही चेतावनी दे चुकी हैं कि राज्य में किसी भी प्रकार की मतदाता छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। तृणमूल ने स्पष्ट किया है कि यदि वैध मतदाताओं के नाम हटाए गए तो पार्टी दिल्ली में चुनाव आयोग के मुख्यालय के बाहर बड़ा आंदोलन करेगी। पार्टी के नेताओं ने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए यह लड़ाई सड़कों पर भी जारी रहेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर