लॉजिस्टिक्स हब से एनसीआर में कार्गो मूवमेंट को मिलेगा बड़ा प्रोत्साहन: ग्रेनो सीईओदूसरा लॉजिस्टिक्स पार्क भी 1200 करोड़ की लागत से दादरी में हो रहा है विकसित
लखनऊ, 29 अक्टूबर (हि.स.)। भारत को एक वैश्विक विनिर्माण और लॉजिस्टिक्स महाशक्ति बनाने की दिशा में उत्तर प्रदेश तेजी से काम कर रहा है। राज्य सरकार ने ग्रेटर नोएडा के बोड़ाकी में आठ हजार करोड़ रुपये की लागत से इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप और लॉजिस्टिक्स हब की स्वीकृति दी है। यह देश प्रदेश के लॉजिस्टिक्स तंत्र को आधुनिक बनाने के प्रयासों में एक ऐतिहासिक कदम है। यह परियोजना राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति और विकसित भारत 2047 के विज़न को साकार करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार राष्ट्रीय नीतिगत प्राथमिकताओं के साथ जोड़ते हुए उत्तर प्रदेश को भारत की सप्लाई चेन, विनिर्माण और व्यापार गलियारों में एक रणनीतिक केंद्र के रूप में विकसित कर रही है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रेरणा सिंह के अनुसार लॉजिस्टिक्स पार्क और लॉजिस्टिक्स हब योजना से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में कार्गो मूवमेंट को एक बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। इस परियोजना के माध्यम से ग्रेटर नोएडा देश का सबसे महत्वपूर्ण लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक केंद्र बनकर उभरेगा। यह पहल भारत की सप्लाई चेन को मजबूत करने के साथ ही विस्तृत रोजगार अवसर सृजित कर विश्वस्तरीय औद्योगिक तथा वेयरहाउसिंग निवेशकों को आकर्षित करेगी। हमारा लक्ष्य ग्रेटर नोएडा को एकीकृत और भविष्य के लिए तैयार विकास मॉडल के रूप में स्थापित करना है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा और इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ढांचे के अंतर्गत ही बोड़ाकी लॉजिस्टिक्स हब विकसित हो रहा है। आने वाले समय में भारत की राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति का एक प्रमुख केंद्र भी बनेगा। यह हब लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार, परिवहन लागत में कमी और राज्यों के बीच माल ढुलाई नेटवर्क के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
वैश्विक नेतृत्व की दिशा में कदम
बोड़ाकी इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स हब केवल एक राज्य स्तरीय परियोजना नहीं है अपितु यह भारत को वैश्विक लॉजिस्टिक्स नेतृत्व हासिल करने और 2035 तक 7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य की ओर अग्रसर कर रहा है। 800 एकड़ में फैला यह आगामी परिसर कंटेनर टर्मिनल, वेयरहाउसिंग कॉम्प्लेक्स और मल्टीमॉडल परिवहन अवसंरचना जैसी सुविधाओं से युक्त होगा, जिसमें डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से सीधी कनेक्टिविटी भी शामिल होगी। इससे पश्चिम भारत के बंदरगाहों और औद्योगिक केंद्रों तक माल की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित होगी। इसके अलावा 1200 करोड़ की लागत से एक दूसरा लॉजिस्टिक्स पार्क भी दादरी में विकसित किया जा रहा है, जो इस क्षेत्र को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक केंद्र के रूप में उभरने की दिशा में और मजबूत करेगा।
उप्र बनेगा भारत के लॉजिस्टिक्स परिवर्तन का अग्रदूत
उत्तर प्रदेश ने तेजी से लॉजिस्टिक्स और अवसंरचना क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में उभरते हुए भारत के वैश्विक विनिर्माण और निर्यात हब बनने के राष्ट्रीय एजेंडा को सशक्त बनाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश स्वयं को भारत की लॉजिस्टिक्स राजधानी के रूप में स्थापित कर रहा है, जहां एक्सप्रेसवे, मल्टीमॉडल पार्क और औद्योगिक गलियारे मिलकर विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को गति प्रदान कर रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / शिव सिंह