स्टॉक मार्केट में गुजरात पीनट्स की कमजोर लिस्टिंग, अपर सर्किट लगने के बाद नुकसान में आईपीओ निवेशक

युगवार्ता    03-Oct-2025
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गुजरात पीनट्स की कमजोर लिस्टिंग के बाद लगा अपर सर्किट


नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (हि.स.)। कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग का काम करने वाली कंपनी गुजरात पीनट्स एंड एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स लिमिटेड के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में जबरदस्त गिरावट के साथ एंट्री करके अपने कारोबार की शुरुआत की। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 80 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग 20 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ 64 रुपये के स्तर पर हुई।

लिस्टिंग के बाद बिकवाली का दबाव बन जाने के कारण कंपनी के शेयर टूट कर 61.10 रुपये के स्तर तक गिर गए। हालांकि इसके बाद लिवाली शुरू हो जाने के कारण कंपनी के शेयर उछल कर 67.20 रुपये के अपर सर्किट लेवल तक पहुंच गए और उसी स्तर पर बंद हुए। अपर सर्किट लगने के बावजूद कंपनी के आईपीओ निवेशकों को पहले दिन के कारोबार में ही 16 प्रतिशत का नुकसान हो गया।

गुजरात पीनट्स एंड एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स लिमिटेड का 23.81 करोड़ रुपये का आईपीओ 25 से 29 सितंबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से एवरेज रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 7.95 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इनमें नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 7.87 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 7.53 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 29,76,000 नए शेयर जारी किए गए हैं। आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपनी वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 82 लाख रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 3.95 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 6.50 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का राजस्व 22 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 366.32 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

इस दौरान कंपनी पर कर्ज के बोझ में उतार चढ़ाव होता रहा। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी का कर्ज 16.72 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में बढ़ कर 44.34 करोड़ रुपये हो गया। इसके बाद वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी का कर्ज कम होकर 38.89 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस अवधि में कंपनी के रिजर्व और सरप्लस की बात करें, तो वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में ये 4.75 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में घट कर 3.77 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में उछल कर 12.02 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक

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