
काठमांडू, 30 अक्टूबर (हि.स.)। चक्रवात 'मोंथा' के प्रभाव से बुधवार रात से लगातार हो रही भारी बारिश ने काठमांडू सहित देश के अधिकांश हिस्सों को प्रभावित किया है। मौसम विज्ञान विभाग ने देश की सभी प्रमुख नदियों में जलस्तर बढ़ने और बाढ़ की आशंका जताई है।
जल तथा मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, आज कोशी, मधेश और बागमती प्रांतों की नदियों में जलस्तर खतरे के निशान को पार कर सकता है। चक्रवात का प्रभाव शनिवार तक रहने की आशंका है। सरकार ने नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने का आग्रह किया गया है।
विभाग ने तापलेजुंग, संखुवासभा, सोलुखुम्बु, तेह्रथुम, पांचथर, ओखलढुंगा, खोटांग, भोजपुर, धनकुटा, इलाम, झापा, मोरंग, सुनसरी, उदयपुर, पर्सा, बारा, रौतहट, सर्लाही, धनुषा, महोत्तरी, सिराहा, सप्तरी, सिन्धुली, रामेछाप, काभ्रेपलाञ्चोक, ललितपुर, भक्तपुर, मकवानपुर, चितवन, नवलपरासी (पूर्व व पश्चिम), रूपन्देही और कपिलवस्तु जिलों से बहने वाली नदियों में बाढ़ का उच्च जोखिम बताया है।
अचानक बाढ़ की आशंका जताते हुए यात्रियों को विशेष सतर्कता बरतने की चेतावनी दी गई है। बागमती, मधेश और कोशी प्रांतों की छोटी-बड़ी नदियां अचानक उफान पर आ सकती हैं, जिससे सप्तकोशी, तमोर, अरुण, दूधकोशी, तामाकोशी, सुनकोशी, कन्काई, कमला, बागमती और राप्ती जैसी प्रमुख नदियों में खतरा बढ़ सकता है। विभाग ने कहा है कि चक्रवात का प्रभाव कम से कम तीन दिन तक रह सकता है और जनता व स्थानीय निकायों से संभावित बाढ़ से निपटने के लिए पूर्व तैयारी करने की अपील की गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास