

बेंगलुरु, 30 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पथ संचलन में भाग लेने पर निलंबित कर्नाटक के रायचूर जिले के लिंगसुगूर तालुक के पंचायत विकास अधिकारी (पीडीओ) प्रवीण कुमार को राहत मिली है। कर्नाटक प्रशासनिक न्यायाधिकरण (केएटी) ने राज्य सरकार के निलंबन आदेश पर अस्थायी रोक लगा दी है। केएटी का यह फैसला सरकार के उस प्रयास को झटका है, जिसके तहत आरएसएस जैसी गतिविधियों पर रोक लगाने की कोशिश की जा रही थी।
दरअसल, लिंगसुगूर तालुक के रोडलाबंडा गांव के पीडीओ प्रवीण कुमार ने 12 अक्टूबर को आयोजित आरएसएस शताब्दी समारोह के तहत हुए पथ संचलन में गणवेश पहनकर भाग लिया था। इसके बाद उन्हें कर्नाटक सिविल सेवा नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए पंचायत राज विभाग की आयुक्त डॉ. अरुंधति ने निलंबित कर दिया था। अपने निलंबन के खिलाफ प्रवीण कुमार ने केएटी का दरवाजा खटखटाया था। सुनवाई के बाद केएटी ने सरकार के निलंबन आदेश को राजनीतिक रूप से प्रेरित कदम बताते हुए उसे रद्द कर दिया।
इस घटना ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी थी। निलंबन के बाद भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने प्रवीण कुमार से मुलाकात कर कहा था कि यह एक अवैध और अनुचित कार्रवाई है और मैं स्वयं न्यायालय में आपके लिए लड़ूंगा। तेजस्वी सूर्या के कानूनी सहयोग से ही यह लड़ाई लड़ी गई, जिसके परिणामस्वरूप अब केएटी ने सरकार के निलंबन आदेश पर रोक लगा दी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश महादेवप्पा