एनएचएआई ने फास्टैग उपयोगकर्ताओं के लिए अपने वाहन को जानें (केवाईवी) प्रक्रिया को बनाया सरल

युगवार्ता    30-Oct-2025
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एनएचएआई के लोगो का प्रतीकात्‍मक चित्र


नई दिल्‍ली, 30 अक्‍टूबर (हि.स)। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने सुविधा बढ़ाने और समग्र ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने हेतु फास्टैग उपयोगकर्ताओं के लिए अपने वाहन को जानें (केवाईवी) प्रक्रिया को सरल बना दिया है।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक बयान में बताया कि भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड (आईएचएमसीएल) के द्वारा जारी संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार, गैर-अनुपालन वाले वाहनों के लिए फास्टैग सेवाएं बंद नहीं की जाएंगी और उपयोगकर्ताओं को (केवाईवी) प्रक्रिया पूरी करने के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान किए जाएंगे।

मंत्रालय ने कहा कि सरलीकृत केवाईवी दिशा-निर्देशों के तहत, कार/जीप/वैन की साइड तस्वीरें अब जरूरी नहीं होंगी। केवल नंबर प्लेट और फास्टटैग वाली सामने की तस्वीर अपलोड करनी होगी। इसके साथ ही वाहन उपयोगकर्ता द्वारा वाहन संख्या, चेसिस संख्या या मोबाइल नंबर दर्ज करने पर वाहन से आरसी विवरण स्वचालित रूप से प्राप्त करने का प्रावधान भी किया जाएगा। यदि एक ही मोबाइल नंबर पर कई वाहन पंजीकृत हैं, तो उपयोगकर्ता उस वाहन का चयन कर सकेगा जिसके लिए वह केवाईवी पूरा करना चाहता है।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक सेवाएं जारी रखने के लिए, केवाईवी नीति से पहले जारी किए गए फास्टैग तब तक सक्रिय रहेंगे जब तक कि टैग के ढीले होने या दुरुपयोग की शिकायत न मिले। इसके साथ ही जारीकर्ता बैंक वाहन उपयोगकर्ताओं को केवाईवी पूरा करने के लिए एसएमएस रिमाइंडर भेजेंगे।

मंत्रालय ने कहा कि यदि किसी उपयोगकर्ता को किसी भी कारण से दस्तावेज़ अपलोड करने में कठिनाई होती है, तो जारीकर्ता बैंक ग्राहक से संपर्क करेगा और कनेक्शन काटने से पहले केवाईवी प्रक्रिया पूरी करने में सहायता करेगा। ग्राहक अपने जारीकर्ता बैंक के साथ केवाईवी से संबंधित किसी भी समस्या के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग हेल्पलाइन नंबर 1033 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं या प्रश्न पूछ सकते हैं। केवाईवी नियमों का यह सरलीकरण उपयोगकर्ता अनुभव को बढ़ाने, फास्टैग प्रणाली को मजबूत करने और देश भर में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क पर राष्ट्रीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं को सुचारु और निर्बाध अनुभव प्रदान करने की एनएचएआई की प्रतिबद्धता का एक हिस्सा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

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