
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (हि.स.)। सरकारी महारत्न कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) के नतीजे जारी करते हुए बताया कि कंपनी का कुल राजस्व बढ़कर 52 हजार 625 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि कर के बाद मुनाफा (पीएटी) 32 प्रतिशत बढ़कर 1 हजार 112 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। कंपनी ने कहा कि बिक्री में वृद्धि, लागत नियंत्रण और बेहतर उत्पादन क्षमता ने इस उपलब्धि में अहम भूमिका निभाई।
केंद्रीय इस्पात मंत्रालय के अनुसार, सेल ने इस अवधि में 9.50 मिलियन टन कच्चा इस्पात उत्पादन किया, जो पिछले साल की समान अवधि के 9.46 मिलियन टन से थोड़ा अधिक है। वहीं, बिक्री मात्रा में बड़ी छलांग लगाते हुए यह 8.11 मिलियन टन से बढ़कर 9.46 मिलियन टन हो गई। राजस्व के मामले में भी कंपनी ने उल्लेखनीय सुधार किया है। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में राजस्व 48 हजार 672 करोड़ रुपये था, जो अब 52 हजार 625 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। कंपनी का ईबीआईटीडीए (एबिटा) 5 हजार 593 करोड़ रुपये से बढ़कर 5 हजार 754 करोड़ रुपये हो गया है।
वहीं, कर पूर्व मुनाफा (पीबीटी) 1 हजार 127 करोड़ रुपये से बढ़कर 1 हजार 443 करोड़ रुपये और कर के बाद मुनाफा (पीएटी) 844 करोड़ रुपये से बढ़कर 1 हजार 112 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। इस दौरान कंपनी का कुल कर्ज घटकर 26 हजार 427 करोड़ रुपये रह गया है, जो वित्तीय स्थिरता की दिशा में सकारात्मक संकेत है। सेल के अध्यक्ष ने कहा कि कंपनी ने वैश्विक इस्पात बाजार की अस्थिरता के बावजूद मजबूत परिचालन क्षमता बनाए रखी है। दक्षता में सुधार, लागत में कमी और ग्राहक-केंद्रित रणनीतियों के जरिए कंपनी ने अच्छा प्रदर्शन किया है।
उन्होंने कहा कि भारत के लो-कार्बन अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने के साथ, सेल उत्पाद विविधीकरण, डिजिटलाइजेशन और विस्तार योजनाओं के जरिए स्थायी लाभप्रदता सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर