
मेलबर्न, 31 अक्टूबर (हि.स.)। मेलबर्न के युवा क्रिकेटर बेन ऑस्टिन (17) के निधन के बाद पूरे क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। गुरुवार को नेट्स में अभ्यास के दौरान गेंद लगने से हुए हादसे में उनकी मृत्यु हो गई। वह मेलबर्न के फर्नट्री क्रिकेट क्लब में बल्लेबाजी अभ्यास कर रहे थे, जब साइडआर्म से फेंकी गई गेंद उनके गले में लगी। अस्पताल में लाइफ सपोर्ट पर रखे जाने के बाद गुरुवार सुबह उनका निधन हो गया।
ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) पर खेले जा रहे टी20 मुकाबले से पहले दोनों टीमों ने मैच अधिकारियों और ऑस्टिन के क्लब प्रतिनिधियों के साथ मिलकर एक मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। मैदान पर उनकी तस्वीर दिखाई गई और उनकी टोपी को विशेष रूप से रखे गए मंच पर रखा गया। दोनों टीमों और अंपायरों ने ब्लैक आर्मबैंड पहनकर सम्मान व्यक्त किया।
इसी तरह महिला विश्व कप के सेमीफाइनल में भी ऑस्ट्रेलिया और भारत की टीमों ने काली पट्टी बांधकर शोक व्यक्त किया था। शेफील्ड शील्ड मुकाबलों में भी खिलाड़ियों ने बल्ले उठाकर श्रद्धांजलि दी और विक्टोरिया-तस्मानिया मैच से पहले मौन रखा गया।
बेन के पिता जेस ऑस्टिन ने कहा, “यह त्रासदी हमें तोड़ गई है, लेकिन हमें यह सुकून है कि बेन वही कर रहा था जो उसे सबसे अधिक पसंद था — दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलना।”
क्रिकेट विक्टोरिया के सीईओ निक कमिंस ने कहा, “बेन एक सच्चा ऑस्ट्रेलियाई लड़का था, जो सर्दियों में फुटबॉल और गर्मियों में क्रिकेट से प्यार करता था। वह वही बच्चा था जैसा हम सब अपने बच्चों को बनते देखना चाहते हैं।”
इस हादसे के बाद क्लब और जूनियर स्तर पर साइडआर्म उपकरणों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। बताया गया कि बेन ने हेलमेट पहना था, लेकिन उसमें स्टेम गार्ड नहीं लगा था, जो अब प्रोफेशनल मैचों में अनिवार्य है।
बेन के दोस्त और साथी खिलाड़ी लियम वर्टिगन ने कहा, “वह हमेशा मुस्कुराते रहते थे, बेहद विनम्र और सभी के प्रिय थे।”
फर्नट्री क्लब के बाहर अब उनके दोस्तों और प्रशंसकों ने फूलों, मिठाइयों और क्रिकेट बैट्स से बना स्मारक तैयार कर दिया है।
बेन ऑस्टिन की मौत ने एक बार फिर 2014 में हुए फिल ह्यूजेस की यादें ताजा कर दीं, जिनकी भी गर्दन पर गेंद लगने से मैदान पर मौत हो गई थी।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे