महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में हुई इंटीग्रेटेड फायर एंड एक्सरसाइज 'सेंटिनल स्ट्राइक'

युगवार्ता    31-Oct-2025
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काउंटर वॉरफेयर आज की प्राथमिकता, काउंटर अटैक सिस्टम की हानि नहीं हाेने दी सेना ने : आर्मी कमांडर


- ऑपरेशन सिंदूर के समय सेना ने काउंटर अटैक सिस्टम को नुकसान नहीं पहुंचने दिया : आर्मी कमांडर

बीकानेर, 31 अक्टूबर (हि.स.)। सप्त शक्ति कमान आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने कहा है कि काउंटर वॉरफेयर आज की प्राथमिकता है। ऑपरेशन सिंदूर के समय भारत ने देखा कि शत्रु देश ने ड्रोन के माध्यम से हमले किए, परंतु भारतीय सेना के काउंटर अटैक सिस्टम ने किसी भी प्रकार की हानि नहीं होने दी।

महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में इंटीग्रेटेड फायर एंड एक्सरसाइज 'सेंटिनल स्ट्राइक' के माैके पर पहुंचे आर्मी कमांडर ने गुरुवार रात्रि पत्रकाराें से बातचीत करते हुए कहा कि भारतीय सेना लगातार नई तकनीकों को अपनाकर अपने प्रशिक्षण और युद्धक तैयारियों को बेहतर बना रही है। यह अभ्यास उसी दिशा में एक छोटा-सा डेमोंस्ट्रेशन था, जो दर्शाता है कि सभी सेनाएं मिलकर किसी भी शत्रु आक्रमण का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने बताया कि लगभग 70 प्रतिशत युद्धाभ्यास रात्रि में आयोजित किए जा रहे हैं, क्योंकि हाल के समय में देश की सुरक्षा चुनौतियों का अधिकांश सामना रात के समय हुआ है।

वर्तमान में भारतीय सेना के पास सर्विलांस ड्रोन, अटैक ड्रोन और काउंटर ड्रोन — तीनों प्रकार की क्षमताएं हैं, जिनकी तैनाती सभी यूनिट्स में की जा चुकी है। इसके साथ ही ‘अशनी प्लाटून’, ‘दिव्यास्त्र बैटरी’ और ‘शक्तिमान बटालियन’ को भी शामिल किया गया है, जो ड्रोन से मुकाबले में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। नार्को-टेररिज्म के विषय में पूछे गए प्रश्न पर उन्होंने बताया कि भारतीय सेना बीएसएफ के साथ मिलकर सीमावर्ती इलाकों में नशे और आतंक के गठजोड़ को तोड़ने के लिए समन्वित अभियान चला रही है। इस दिशा में सेना के तीन और बीएसएफ के दो सिस्टम मिलकर सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं।

आर्मी कमांडर ने यह भी कहा कि इस पूरे अभ्यास में इस्तेमाल किये गए अधिकांश सैन्य उपकरण, प्रणाली और तकनीक स्वदेशी हैं। उन्होंने कहा कि भारत न केवल औद्योगिक और वैज्ञानिक क्षेत्रों में, बल्कि रक्षा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। साइबर युद्ध के विषय में उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की नीति हमेशा 'डिफेंसिव रोल' की रही है, परंतु साइबर सुरक्षा और सूचना युद्ध की दिशा में सेना लगातार अपने सिस्टम को और सुदृढ़ बना रही है। उन्होंने यह भी बताया कि बेंगलुरु में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) केंद्र की स्थापना की गई है, जो भारतीय सेना की तकनीकी क्षमताओं को नई दिशा प्रदान कर रहा है।

महिलाओं की भूमिका पर उन्होंने कहा कि अब एनडीए को महिला अधिकारियों के लिए खोल दिया गया है तथा सीएमपी (कार्प्स ऑफ मिलिट्री पुलिस) में भी भर्ती प्रारंभ हो चुकी है। शिक्षण संस्थानों के माध्यम से बालिकाओं को सेना में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव

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