
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय के विधि कार्य विभाग ने 02 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक चलाए गए ‘स्पेशल कैम्पेन 5.0’ के दौरान देशभर के कार्यालयों में फाइलों की सफाई, रिकॉर्ड डिजिटाइजेशन, ई-वेस्ट और पुराने सामान के निपटान के साथ-साथ लंबित मामलों और लोक शिकायतों का निस्तारण किया। विभाग ने इस अवधि में 64 हजार से अधिक फाइलों की समीक्षा की, 11 हजार 800 वर्गफुट से अधिक कार्यालय क्षेत्र खाली कराया और लगभग पांच लाख रुपये का राजस्व अर्जित किया। यह अभियान केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और विधि सचिव डॉ. अंजु राठी राणा की देखरेख में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
मंत्रालय के अनुसार, विभाग के सभी कार्यालयों ने स्वच्छताहीसेवा के संकल्प को अपनाते हुए प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) द्वारा तय किए गए 12 बिंदुओं पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। अभियान के दौरान 64 हजार 401 भौतिक फाइलों की समीक्षा की गई, जिनमें से 26 फाइलें राष्ट्रीय अभिलेखागार को भेजी गईं और 60 हजार 216 फाइलें निरस्त की गईं। इसी तरह 714 ई-फाइलों की समीक्षा कर 311 को बंद किया गया। इस प्रक्रिया से कार्यालयों में काफी जगह खाली हुई और चार लाख 91 हजार 758 रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।
विभाग ने सांसदों से प्राप्त 50 संदर्भ, राज्य सरकारों से 6, अंतर-मंत्रालयी 27, संसदीय आश्वासन 11 और प्रधानमंत्री कार्यालय से प्राप्त 1 कार्य का निस्तारण किया। इसके अतिरिक्त 879 लोक शिकायतें और 10 लोक शिकायत अपीलें भी सुलझाई गईं। सभी शिकायतों को सीपीग्राम्सपोर्टल के माध्यम से ट्रैक कर समय पर निपटाया गया।
विभाग ने पब्लिक रिकॉर्ड्स एक्ट, 1993 के तहत हजारों फाइलों को डिजिटाइज और व्यवस्थित किया। पुराने कंप्यूटर, प्रिंटर, यूपीएस और फोटो कॉपी मशीन जैसे अनुपयोगी उपकरणों को ई-वेस्ट मैनेजमेंट नियम, 2022 के अनुसार अधिकृत रीसाइक्लर्स के माध्यम से निपटाया गया। वहीं, पुराने फर्नीचर और सामग्री की नीलामी कर खाली जगहों का उपयोग हरित क्षेत्र और सुव्यवस्थित कार्यस्थलों के विकास में किया गया।
अभियान में नई दिल्ली स्थित मुख्य सचिवालय के साथ-साथ कोलकाता, मुंबई, चेन्नई और बेंगलुरु की शाखा सचिवालयों, सुप्रीम कोर्ट के सेंट्रल एजेंसी सेक्शन, लॉ कमीशन ऑफ इंडिया, इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट, इंडिया इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर, सभी आईटीएटी बेंचों और दिल्ली उच्च न्यायालय, सीएटी (प्रिंसिपल बेंच) तथा तीस हजारी अदालत के वाद प्रभागों ने सक्रिय भागीदारी की।
विधि सचिव डॉ. अंजु राठी राणा ने कहा कि स्वच्छता केवल सफाई नहीं बल्कि यह अनुशासन, दक्षता और जिम्मेदारी का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने सामूहिक प्रयासों से इस अभियान को सफलता तक पहुंचाया।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर