हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन

युगवार्ता    31-Oct-2025
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दिल्ली के जंतर-मंतर पर शुक्रवार को हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करते


नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (हि.स.)। दिल्ली के जंतर-मंतर पर शुक्रवार को हो भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया। इसका आयोजन ऑल इंडिया हो लैंग्वेज एक्शन कमेटी (एआईएचएलएसी) के बैनर तले किया गया था। इस एक दिवसीय धरने में झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल से आए करीब 500 लोगों ने भाग लिया।

एआईएचएलएसी के प्रतिनिधियों ने धरने कोे संबोधित करते हुए कहा कि संविधान की आठवीं अनुसूची में हो भाषा को शामिल किया जाए और हो भाषा बोलने वाले समुदाय की समृद्ध भाषाई, साहित्यिक और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण व संवर्धन के लिए इसे संवैधानिक दर्जा दिया जाए। उन्होंने हो भाषा की पृष्ठभूमि बताते हुए कहा कि हो भाषा, जो ऑस्ट्रोएशियाटिक मुंडा भाषा परिवार से संबंधित है, पूरे भारत में 40 लाख से अधिक लोगों की मातृभाषा है। इसके अलावा लगभग 10 लाख गैर-आदिवासी लोग भी इसे दैनिक जीवन में प्रयोग करते हैं। हालांकि यह भाषा 1961 से भारत की जनगणना में सूचीबद्ध है, फिर भी अब तक इसे संवैधानिक मान्यता प्राप्त नहीं हुई है।

प्रतिनिधियों ने कहा कहा कि ओडिशा और झारखंड सरकारों ने पहले ही हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की औपचारिक सिफारिश की है। इसके साथ ही प्रख्यात विद्वान सिताकांत महापात्र और प्रो. एबी ओटा की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समितियों ने भी इसके पक्ष में अपनी सकारात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत की है। संसद में भी कई सांसदों ने बार-बार यह मुद्दा उठाया है और केंद्र सरकार से इस लंबे समय से लंबित मांग को पूरा करने का आग्रह किया है।

ऑल इंडिया हो लैंग्वेज एक्शन कमेटी ने भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री से आग्रह किया है कि वे तत्काल कदम उठाकर हो भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करें। प्रतिनिधियों ने कहा कि यह केवल एक भाषा का मुद्दा नहीं है, बल्कि हमारी पहचान, गर्व और न्याय से जुड़ा हुआ प्रश्न है। अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो हम देशभर में अपना आंदोलन और तेज करेंगे। धरना शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ, जिसके अंत में समुदाय के नेताओं ने गृह मंत्रालय को ज्ञापन सौंपा और मांग की कि इस विषय पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए।

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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव

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