
- नौसेना के उप प्रमुख ने कहा, भारत फरवरी के अंत में सबसे बड़े समुद्री अभ्यास की मेजबानी करेगा
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (हि.स.)। नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन ने शुक्रवार को फिर दोहराया कि `ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है, हम पूरी तरह तैयार हैं। किसी भी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। हम हिंद महासागर में प्रत्येक चीनी जहाज पर नजर रख रहे हैं। हमें उनकी गतिविधियों के बारे में जानकारी है। यद्यपि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है, इसलिए हम पूरी तरह तैयार और तैनात हैं।किसी भी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।'
नौसेना उप प्रमुख आज फरवरी में अंतरराष्ट्रीय फ्लीट समीक्षा के साथ-साथ मिलन अभ्यास और आईओएनएस चीफ्स कॉन्क्लेव के आयोजन पर कर्टेन रेजर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। भारतीय नौसेना अगले साल फरवरी में विशाखापत्तनम में अंतरराष्ट्रीय बेड़ा समीक्षा का आयोजन करेगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 18 फरवरी को बेड़े की समीक्षा करेंगी। इस कार्यक्रम में पहली बार स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के साथ-साथ कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियां भी भाग लेंगी। उन्होंने बताया कि अमेरिका और रूस दोनों ने अंतरराष्ट्रीय बेड़ा समीक्षा और मिलन अभ्यास में भाग लेने की पुष्टि कर दी है। वे अपने जहाज भेजेंगे। कुछ विमानों के भी आने की उम्मीद है।
वाइस एडमिरल ने कहा कि `हमने बड़ी संख्या में देशों को निमंत्रण भेजा है और अब तक हमें 55 से ज्यादा देशों से प्रतिक्रिया मिली है, जिन्होंने तीनों कार्यक्रमों में भाग लेने की इच्छा व्यक्त की है। बहुत बड़ी संख्या में नौसेनाएं अपने जहाज भेजने के अलावा उच्च-स्तरीय समर्पण के माध्यम से भी भाग लेंगी।' उप नौसेना प्रमुख ने कहा कि भारत फरवरी के अंत में क्षेत्र में सबसे बड़े समुद्री अभ्यास की मेजबानी करेगा। उन्होंने कहा कि यह मिलन अभ्यास 20-25 फरवरी को होगा, जिसमें अभी भी चार महीने बाकी हैं, इसलिए जैसे-जैसे और पुष्टियां आती जाएंगी, ये संख्याएं बदलती रहेंगी। भारतीय नौसेना नवंबर में गुआम में मालाबार अभ्यास में भाग लेगी।
वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन ने कहा कि `यद्यपि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है, फिर भी विदेशी देशों के साथ हमारी बातचीत, हमारे चल रहे अभ्यासों और हमारी योजनाओं में कोई रुकावट नहीं है। कोई पूर्ण विराम नहीं है। हम ऑपरेशन सिंदूर के लिए तैनात हैं। किसी भी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।' उन्होंने कहा कि `जहां तक दुनिया का सवाल है, तो हिंद महासागर माल और तेल के आवागमन का मुख्य स्रोत है। यह नहीं बदलता और इसके साथ ही पारंपरिक और गैर-पारंपरिक मुद्दों से जुड़ी चुनौतियां भी बढ़ती हैं।'
चीनी जहाज के मालदीव जाने की खबरों पर भारतीय उप नौसेना प्रमुख ने कहा कि `हम हिंद महासागर में प्रत्येक चीनी जहाज पर नजर रख रहे हैं। हमें उनकी गतिविधियों के बारे में जानकारी है। मौजूदा स्थिति के कारण हिंद महासागर क्षेत्र में क्षेत्र-बाह्य शक्तियों की निरंतर उपस्थिति बनी हुई है। यह हमेशा से ऐसा ही रहा है और यह लगातार बढ़ रहा है। किसी भी समय हमारे पास कम से कम 40, बल्कि 50 से भी ज्यादा जहाज हिंद महासागर क्षेत्र में परिचालन कर रहे होते हैं। हम समुद्री डकैती से लेकर मानव तस्करी, ड्रग्स वगैरह तक हर क्षेत्र पर नजर रखते हैं। इसलिए ये चुनौतियां मौजूद हैं और हम इनके प्रति सजग हैं। हम किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।'
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीत निगम