
- कर्नल सोफिया कुरैशी ने ऑपरेशन सिंदूर में युवाओं की भूमिका के बारे में बताया
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (हि.स.)। सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शुक्रवार को यंग लीडर्स फोरम में देश के युवाओं को संबोधित किया। सेना प्रमुख ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि इस मिशन में देश के कई युवा शामिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत की नई पीढ़ी दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे जागरूक युवा आबादी है। यह पीढ़ी डिजिटल रूप से सक्षम, सामाजिक रूप से जागरूक और वैश्विक रूप से जुड़ी हुई है। यही भारत की सबसे बड़ी ताकत है।
यंग लीडर्स फोरम के दौरान सेना प्रमुख ने कहा कि यह कार्यक्रम युवाओं के लिए खास तौर पर पहली बार 'प्री-इवेंट' के रूप में आयोजित किया गया है। इस फोरम का मकसद रिफॉर्म टू ट्रांसफॉर्म यानी बदलाव के जरिए मजबूत, सुरक्षित और विकसित भारत बनाना है। यूथ लीडर्स फोरम देश के युवाओं के लिए मजबूत, सुरक्षित और विकसित भारत के निर्माण के लिए सुधारों के व्यापक विषय की नींव रख रहा है। भारत के इतिहास में ऐसे कई नायक हैं, जो इसके युवा बेटे-बेटियों के साहस और दृढ़ विश्वास के साक्षी हैं। ऐसे शाश्वत उदाहरण हैं जो साबित करते हैं कि उम्र कभी योगदान को सीमित नहीं करती।
थल सेनाध्यक्ष ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में आप में से कई लोग सक्रिय रूप से शामिल रहे होंगे। कुछ युवा सैन्य अधिकारी हैं, कुछ एनसीसी कैडेट हैं, कुछ नागरिक सुरक्षा में हैं, कुछ ड्रोन लैब में हैं और कुछ सोशल मीडिया योद्धा हैं। हमारे कुशल मानव संसाधन हमारी शक्ति के सबसे बड़े साधनों में से एक हैं। जनरल द्विवेदी ने युवाओं से कहा कि सबसे पहले आपका कर्तव्य वही है, जो आप परिभाषित करते हैं। आपको आज से और स्वयं से शुरुआत करनी होगी। हर चुनौती को एक अवसर के रूप में लेना होगा। उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वे वर्दी के साथ या उसके बिना राष्ट्रीय सुरक्षा मिशन में शामिल हों, तकनीक का निर्माण करें, नीतियां बनाएं और जागरुकता फैलाएं।
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि हमारे अवसर अपार हैं, हालांकि चुनौतियां भी उतनी ही हैं। सबसे पहले हम पारंपरिक प्रतिद्वंद्विता और सांठगांठ वाले खतरों का सामना कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप ढाई से ज़्यादा मोर्चों पर चुनौतियां हैं। दूसरे, आतंकवाद, छद्म युद्ध और आंतरिक खतरे अभी भी मौजूद हैं। तीसरे, ऐसे दुष्प्रचार अभियान चल रहे हैं, जो हमारे सामाजिक ताने-बाने को भीतर से तोड़ने की कोशिश करते हैं। इसलिए, युद्ध तेज़ी से गतिहीन और संपर्क-रहित होता जा रहा है। भारत की नई पीढ़ी दुनिया में सबसे बड़ी है, यही भारत की सबसे बड़ी ताकत है। वर्दीधारी पुरुष और महिलाएं तकनीक के क्षेत्र सहित सभी क्षेत्रों में आप पर भरोसा करते हैं।
यंग लीडर्स फ़ोरम के दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी ने भी कहा कि भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है। यहां 65 फीसदी से ज़्यादा आबादी 35 साल से कम उम्र की है। यह सिर्फ़ जनसांख्यिकीय लाभांश नहीं बल्कि हमारा रणनीतिक भंडार है। युवाओं ने वर्दी में और नागरिक रूप में राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऑपरेशन सिंदूर से युद्ध में एक क्रांतिकारी बदलाव आया है। युवा दिमागों और नागरिकों की भागीदारी के बिना शांति, स्थिरता और प्रगति कायम नहीं रह सकती। इसने बहु-क्षेत्रीय सटीक युद्ध के लिए भारत की क्षमता को प्रमाणित किया है और मूल्य सेवा का एक असाधारण प्रदर्शन किया है।
कर्नल सोफिया ने कहा कि राष्ट्र की रक्षा की ज़िम्मेदारी सिर्फ़ सेना की नहीं है। नागरिक भी बाहरी और आंतरिक ख़तरों से निपटने में भूमिका निभाते हैं। वर्षों से भारतीय सेना ने अधिकारियों और सैनिकों को 'शास्त्र' और 'शस्त्र' में प्रशिक्षित किया है। 'शास्त्र' का अर्थ है ज्ञान, रणनीति और बुद्धिमत्ता, जबकि 'शस्त्र' का अर्थ है- हथियार और युद्ध, जो बुद्धि और शक्ति के मिश्रण का प्रतिनिधित्व करता है। इस ऑपरेशन ने साबित कर दिया है कि युवा सोच और नागरिकों की सक्रिय भागीदारी के बिना शांति और स्थिरता नहीं लाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन ने मल्टी-डोमेन प्रिसिजन वॉरफेयर, फिफ्थ-जेनरेशन वॉरफेयर, आत्मनिर्भरता और तीनों सेनाओं के तालमेल के लिए भारत की ताकत को दुनिया के सामने साबित किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीत निगम