सरकार ने 1,500 करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण खनिज पुनर्चक्रण प्रोत्साहन योजना के लिए दिशा-निर्देश किए जारी

युगवार्ता    04-Oct-2025
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खान मंत्रालय के जारी लोगो का प्रतीकात्‍मक चित्र


नई दिल्‍ली, 04 अक्‍टूबर (हि.स)। केंद्र सरकार ने 1500 करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण खनिज पुनर्चक्रण प्रोत्साहन योजना के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दिशा-निर्देश जारी होने के साथ महत्वपूर्ण खनिज पुनर्चक्रण प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया अब 2 अक्टूबर 2025 से 1 अप्रैल 2026 तक खुली है।

खान मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में बताया कि मंत्रालय ने 3 सितंबर, 2025 को कैबिनेट की मंजूरी के बाद 1,500 करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण खनिज पुनर्चक्रण प्रोत्साहन योजना के लिए आधिकारिक तौर पर दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। विस्तृत दिशा-निर्देश जारी होने के बाद ये योजना अब 02 अक्‍टूबर से छह महीने की अवधि के लिए 01 अप्रैल, 2026 तक आवेदन के लिए खुली है।

मंत्रालय ने कहा क‍ि योजना के दिशा-निर्देश और आवेदन करने का लिंक खान मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है। इस योजना का उद्देश्य द्वितीयक स्रोतों से महत्वपूर्ण खनिजों को निकालने के लिए भारत की पुनर्चक्रण क्षमता को बढ़ावा देना है और यह राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन के तहत एक प्रमुख पहल है। योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन विंडो अब कार्यशील है।

प्रोत्साहन योजना राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन का एक प्रमुख घटक है। इसका उद्देश्य देश में द्वितीयक स्रोतों से महत्वपूर्ण खनिजों के पृथक्करण और उत्पादन के लिए पुनर्चक्रण क्षमता विकसित करना है। पात्र फीडस्टॉक स्रोत ई-कचरा, प्रयुक्त लिथियम-आयन बैटरी और अन्य स्क्रैप सामग्री हैं। अपेक्षित लाभार्थी बड़े और स्थापित पुनर्चक्रणकर्ता और छोटे और नए पुनर्चक्रणकर्ता (स्टार्ट-अप सहित) दोनों होंगे।

यह योजना नई इकाइयों में निवेश के साथ-साथ क्षमता विस्तार/आधुनिकीकरण और मौजूदा इकाइयों के विविधीकरण पर लागू होगी। योजना प्रोत्साहन पुनर्चक्रण मूल्य श्रृंखला के लिए होगा, जो महत्वपूर्ण खनिजों के वास्तविक निष्कर्षण में है, न कि केवल “ब्लैक मास” उत्पादन में शामिल मूल्य श्रृंखला के लिए।

उल्‍लेखनीय है कि ब्लैक मास उपयोग की गई लिथियम-आयन बैटरियों से प्राप्त एक उप-उत्पाद है, जिसमें लिथियम, कोबाल्ट, निकेल, मैंगनीज और ग्रेफाइट जैसी मूल्यवान धातुएं होती हैं। बैटरी रीसाइक्लिंग के दौरान बैटरियों को यांत्रिक रूप से कुचलकर और संसाधित करके यह ब्लैक मास प्राप्त किया जाता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

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