तेहरान, 4 अक्टूबर (हि.स.)। ईरान ने कई वर्षाे पहले चार सुरक्षाकर्मियों और एक धर्मगुरु की हत्या के दोषी पाए गए सात आरोपितों को शनिवार को फांसी दे दी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इन सात अपराधियाें में से छह वे अरब अलगाववादियों थे जिन पर खूज़ेस्तान प्रांत के दक्षिण-पश्चिमी शहर खोर्रमशहर में सुरक्षाबलाें पर सशस्त्र हमले करने का आरोप था। हमलाें में चार सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। सातवा अपराधी समन मोहम्मदी खियारेह एक कुर्द है जिसे 2009 में कुर्द शहर सानंदज में सरकार समर्थक सुन्नी धर्मगुरु मामौस्ता शेख अल-इस्लाम की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था।
इन सभी अपराधियाें का इज़राइल से संबंध था। हालांकि यह एक ऐसा आरोप जिसे ईरान नियमित रूप से जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ इस्तेमाल करता रहा है।
इस बीच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने मोहम्मदी खियारेह काे फांसी दिए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि अपराध के समय वह केवल 15 या 16 वर्ष का था और उसे 19 वर्ष की आयु में गिरफ्तार किया गया था। फांसी से पहले एक दशक से अधिक समय तक उसे हिरासत में रखा गया था। कार्यकर्ताओं का आराेप है कि उसे यातनाए दी गई थीं जिसके तहत उससे अपराध की स्वीकारोक्ति ली गई थी।
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार ईरान में इस साल अब तक 1,000 से अधिक लोगों को फांसी दी जा चुकी है जाे पिछले 15 वर्षों का सबसे अधिक वार्षिक आंकड़ा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / नवनी करवाल