गाजा, 04 अक्टूबर (हि.स.)। लगभग दो वर्षों से जारी युद्ध के बीच गाजा में अब भी हजारों फिलिस्तीनी नागरिक मलबे के नीचे दबे पड़े हैं। इस बीच, पैलेस्टीनियन सेंटर फॉर द मिसिंग एंड फोर्सिबली डिसअपियर्ड नामक एक स्थानीय गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल सहायता की अपील की है, ताकि इन शवों को बाहर निकाला जा सके और उनकी पहचान की जा सके।
एनजीओ ने चेतावनी दी है कि यदि तत्काल अंतरराष्ट्रीय मदद नहीं मिली तो करीब 9,000 लोगों के शव कभी भी बरामद नहीं हो पाएंगे। वहीं गाज़ा सिविल डिफेंस के अनुसार, अनुमानित 15,000 शव अब भी मलबे के नीचे दबे हो सकते हैं।
संयुक्त राष्ट्र के अप्रैल 2025 में जारी अनुमान के मुताबिक, अक्तूबर 2023 से अब तक गाजा की 92 प्रतिशत आवासीय इमारतें यानी लगभग 4.36 लाख घर पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं। भारी तबाही के कारण बड़ी संख्या में लोग ध्वस्त इमारतों के नीचे फंस गए। गाजा में राहत और बचाव उपकरणों की भारी कमी है और सीमित संसाधनों के चलते स्थानीय टीमें सभी प्रभावित इलाकों तक नहीं पहुंच पा रहीं।
एनजीओ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से फॉरेंसिक विशेषज्ञों, खुदाई मशीनों और मोबाइल डीएनए प्रयोगशालाओं को तुरंत भेजने की अपील की है, ताकि शवों को निकाला और पहचाना जा सके। संगठन ने कहा कि इन संसाधनों के बिना, हजारों परिवार अपने प्रियजनों को सम्मानजनक अंतिम संस्कार देने से वंचित रह जाएंगे।
युद्धविराम योजना के बीच मानवीय संकट
यह अपील ऐसे समय में आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इज़राइल से गाजा पर बमबारी तुरंत रोकने का आग्रह किया है। यह कदम उस समय उठाया गया है जब हमास ने शेष सभी इजराइली बंधकों की रिहाई के लिए सहमति दे दी है और ट्रंप की प्रस्तावित शांति योजना को लागू करने की तैयारी की जा रही है।
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और उनके दामाद जेरेड कुशनर इस सप्ताहांत मिस्र की यात्रा पर जाएंगे, जहां वे बंधक रिहाई समझौते और शांति योजना के अन्य पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
हालांकि हमास ने बंधकों की रिहाई पर सहमति दी है, लेकिन उसने अब तक ट्रंप की 20-सूत्रीय शांति योजना के अन्य बिंदुओं पर अपनी औपचारिक सहमति नहीं दी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय