त्बिलिसी (जॉर्जिया), 5 अक्टूबर (हि.स.)।नये चुनाव की मांग को लेकर व्यापक स्तर पर सत्ता विरोधी प्रदर्शनों का सामना कर रहे जॉर्जिया में हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने राजधानी त्बिलिसी में शनिवार को एटोनेली स्ट्रीट स्थित राष्ट्रपति भवन का सुरक्षा घेरा तोड़ परिसर में दाखिल होने की कोशिश की। जिसके बाद स्थितियां काफी बिगड़ गईं।सुरक्षाकर्मियों ने आंसू गैस और पेपर स्प्रे का इस्तेमाल कर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया। आंतरिक मामलों के मंत्रालय (एमआईए) ने रैली के दौरान हुई हिंसक घटनाओं की जांच शुरू कर दी है।
प्रधानमंत्री इराकली कोबाखिद्जे ने आरोप लगाया है कि यूरोपीय संघ के झंडे के साथ दंगाइयों ने प्रेसिडेंशियल पैलेस के बाहर बैरिकेड्स में आग लगा दी।उन्होंने दावा किया कि जॉर्जिया में संवैधानिक व्यवस्था को उखाड़ फेंकने के प्रयास किए जा रहे हैं।
विपक्ष देश में नए सिरे से संसदीय चुनाव कराने और कैदियों की रिहाई की मांग कर रहा है। फ्रीडम स्क्वायर पर यह विरोध प्रदर्शन पिछले 311 दिनों से चल रहा है। अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शनकारी शनिवार को जॉर्जिया और यूरोपियन यूनियन के झंडे लेकर त्बिलिसी के फ्रीडम स्क्वायर और रुस्तवेली एवेन्यू से मार्च करते हुए राष्ट्रपति भवन पहुंचे। यहां प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन का सुरक्षा घेरा तोड़कर परिसर में दाखिल होने की कोशिश की।इस दौरान प्रदर्शनकारियों का सुरक्षाकर्मियों के साथ टकराव हुआ। सुरक्षाकर्मियों ने आंसूगैस, पेपर स्प्रे और वाटर कैनन का इस्तेमाल कर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया।
जॉर्जिया टुडे के मुताबिक प्रदर्शन को लेकर उप मंत्री अलेक्सांद्रे दारखवेलिद्ज़े ने कहा कि पुलिस अधिकारियों पर हमला, देश की संवैधानिक व्यवस्था में हिंसक परिवर्तन का आह्वान, सामूहिक हिंसा का आयोजन या हिस्सेदारी से संबंधित धाराओं के तहत जांच की जा रही है। चेतावनियों और मंत्रालय के आधिकारिक बयानों के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने कानूनी आदेशों का पालन नहीं किया। आयोजकों ने हिंसक आह्वान किए, एटोनेली स्ट्रीट स्थित राष्ट्रपति भवन के बैरियरों को क्षतिग्रस्त किया और इमारत में घुसने का प्रयास किया। 14 पुलिस अधिकारी घायल हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि देश में साल 2024 में हुए संसदीय चुनाव के बाद से ही राजनीतिक गतिरोध चल रहा है। सत्तारूढ़ जॉर्जियन ड्रीम पार्टी इस चुनाव में धांधली के आरोपों का सामना कर रही है। इस चुनाव की निगरानी करने वाले अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने भी जॉर्जियन ड्रीम पार्टी की जीत को दोषपूर्ण बताया था। इसके बाद प्रधानमंत्री इराकली कोबाखिद्जे की अगुवाई वाली सरकार ने जॉर्जिया के यूरोपीय संघ में शामिल होने की बातचीत को स्थगित कर दिया।
दरअसल, जॉर्जिया कभी यूरोपीय संघ में शामिल होने का दावेदार रहा है लेकिन मौजूदा जॉर्जियन ड्रीम पार्टी की सरकार ने जार्जिया के यूरोपीय संघ में शामिल होने की बातचीत तब बंद कर दी जब पिछले साल हुए संसदीय चुनाव नतीजों को यूरोपीय संघ द्वारा भी संदिग्ध बताया गया और सरकार विरोधी आंदोलन को समर्थन दिया गया।
रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से भी सत्ता और विपक्ष, रूस और यूरोपीय यूनियन के दो खेमों में बंटा दिख रहा है।विपक्षी मौजूदा सरकार पर रूस समर्थक होने का आरोप लगा रहे हैं तो सरकार की तरफ से उसके खिलाफ चल रहे व्यापक विरोध प्रदर्शन को यूरोपीय यूनियन की साजिश का हिस्सा बताया जा रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव पाश