नई दिल्ली, 05 अक्टूबर (हि.स.)। भारत सेमीकंडक्टर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और स्वदेशी दूरसंचार तकनीक के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि भारत अब निवेश का गंतव्य नहीं, बल्कि विश्व के लिए एक दिशा और दृष्टि बन गया है।
सिंधिया ने आज नई दिल्ली में आयोजित चौथे कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन में “कम्युनिकेशंस: इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज” विषय पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक चुनौतियों को अवसरों में बदला है। उन्होंने बताया कि भारत का 76 हजार करोड़ रुपये का सेमीकंडक्टर मिशन आत्मनिर्भर भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, जिसके तहत 85 हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है और 1.6 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हो चुका है।
सिंधिया ने कहा कि आज भारत 1.22 अरब टेलीफोन सब्सक्राइबर और 94.4 करोड़ ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ताओं के साथ विश्व का सबसे तेजी से बढ़ता दूरसंचार बाजार है। मात्र 22 महीनों में 99.8 प्रतिशत जिलों में 5जी नेटवर्क स्थापित किया गया है। उन्होंने बताया कि भारत के यूपीआई प्लेटफॉर्म के माध्यम से सालाना लगभग 260 अरब लेनदेन होते हैं, जो विश्व के 46 प्रतिशत डिजिटल लेनदेन के बराबर हैं।
उन्होंने बताया कि बीएसएनएल का स्वदेशी 4जी स्टैक आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। सी-डॉट, तेजस नेटवर्क्स और टीसीएस के सहयोग से विकसित इस प्रणाली के तहत देशभर में 92,564 टावर लगाए गए हैं, जिन्हें आगे 5जी में उन्नत किया जा सकेगा। बीएसएनएल 17 वर्ष बाद लाभ में लौटा है और उसके उपभोक्ता 78 लाख से बढ़कर 2.2 करोड़ हो गए हैं।
सिंधिया ने कहा कि इंडियाएआई मिशन के तहत देश में एआई को भारतीय भाषाओं और आवश्यकताओं के अनुरूप विकसित किया जा रहा है। निजी क्षेत्र ने अब तक 20 हजार करोड़ रुपये के 38 हजार जीपीयू तैनात किए हैं और कुल निवेश 10 अरब डॉलर से अधिक होने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि भारत वर्तमान में मोबाइल डेटा उपभोग में विश्व में प्रथम, इंटरनेट उपयोग और मोबाइल निर्माण में द्वितीय, स्टार्टअप और वैज्ञानिक प्रतिभा में तृतीय तथा नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में चतुर्थ स्थान पर है। सिंधिया ने कहा कि 2027 तक भारत विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा