नई दिल्ली, 06 अक्टूबर (हि.स.)। रबर सॉल्यूशंस की मैन्युफैक्चरिंग, सप्लाई और एक्सपोर्ट करने वाली कंपनी अमीनजी रबर के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में मामूली बढ़त के साथ कारोबार की शुरुआत की। हालांकि लिस्टिंग के बाद खरीदारी के सपोर्ट से थोड़ी ही देर में कंपनी के शेयर अपर सर्किट लेवल तक पहुंच गए। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 100 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग 1 प्रतिशत प्रीमियम के साथ 101 रुपये के स्तर पर हुई। लिस्टिंग के तुरंत बाद बिकवाली शुरू हो जाने के कारण कंपनी के शेयर 96.05 रुपये तक गिर गए, लेकिन इसके थोड़ी देर बाद खरीदारों ने लिवाली के कारण कंपनी के शेयर उछल कर 106.05 रुपये के अपर सर्किट लेवल पर पहुंच गए। इस तरह पहले दिन के कारोबार में ही कंपनी के आईपीओ निवेशकों को 6.05 प्रतिशत का मुनाफा हो गया।
अमीनजी रबर का 30 करोड़ रुपये का आईपीओ 26 से 30 सितंबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से एवरेज रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 2.21 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 3.79 गुना सब्सक्राइब हुआ था। वहीं नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 2.74 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 1.08 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 30 लाख नए शेयर जारी किए गए हैं। आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपनी वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।
कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 3.50 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 4.31 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 8.03 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी की आय में लगातार बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को कुल 74.21 करोड़ रुपये की आय हुई, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 84.24 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 में उछल कर 94.43 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गई।
इस दौरान कंपनी पर कर्ज का बोझ भी लगातार बढ़ता गया।
वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी का कर्ज 21.50 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में बढ़ कर 34.95 करोड़ रुपये हो गया। इसके बाद वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी का कर्ज उछल कर 45.90 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। कंपनी के रिजर्व और सरप्लस की बात करें तो वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में ये 7.54 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में घट कर 5.87 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में घट कर 13.90 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक