चुनाव आयोग के साथ खड़े हैं बिहार के 7.43 करोड़ मतदाता : ज्ञानेश कुमार

युगवार्ता    06-Oct-2025
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पत्रकार वार्ता को संबोधित करते मुख्य चुनाव आयुक्त


नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (हि.स.)। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से जुड़े कार्यक्रम की सोमवार को चुनाव आयोग ने घोषणा की। मतदाता सूची को अपडेट करने की प्रक्रिया विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर चुनाव आयोग विपक्ष के निशाने पर है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सभी आरोपों को दरकिनार करते हुए कहा कि बिहार की जनता चुनाव आयोग के साथ खड़ी है। कुमार ने कहा कि बिहार में एसआईआर की प्रक्रिया पूरी करने में सभी मतदाताओं का सहयोग रहा है।

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी की उपस्थिति में आज बिहार चुनाव और सात राज्यों की आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव से जुड़े कार्यक्रम की घोषणा की।

मुख्य चुनाव आयुक्त के तौर पर राजीव कुमार के सेवानिवृत्त होने के बाद ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में यह पहला विधानसभा चुनाव है। पदभार संभालने के बाद से उनके नेतृत्व में चुनाव आयोग ने कई नई पहल की हैं। यह इस चुनाव से अमल में भी लाई जाएंंगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ने पत्रकार वार्ता मे इसकी जानकारी दी।

इसमें सबसे महत्वपूर्ण और विवाद के केन्द्र में रही प्रक्रिया एसआईआर है। ज्ञानेश कुमार ने यह बताया कि एसआईआर पूरे देश में लागू होगी। इसकी प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। विभिन्न राज्यों में एसआईआर कब कराना है इसपर निर्णय लेना है।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने एसआईआर को लेकर यह स्थिति स्पष्ट नहीं की कि आखिर बिहार में कितने मतदाता नागरिकता के कारण मतदाता सूची में शामिल नहीं हो पाए। उन्होंने केवल यही कहा कि 69 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं, यह नाम मृत्यु होने, दो जगह पंजीकृत होने, भारत के नागरिक न होने और पलायन करने के कारण मतदाता सूची से हटाए गए हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने दावा किया कि बिहार के इसबार के चुनाव पहले से अधिक सुगम, सरल और कानून व्यवस्था के अंतर्गत शांतिपूर्ण ढंग से कराए जाएंगे और यह सबसे अच्छे चुनाव के रूप में परिलक्षित होंगे। यह सुनिश्चित करने के लिए इस बार पूरी चुनावी मशीनरी केवल एक फोन कॉल से ही दूरी पर होगी। 90,712 बीएलओ, 243 ईआरओ और 38 डीईओ और सीईओ स्वयं 1950 वोटर हेल्पलाइन लाइन पर उपलब्ध रहेंगे। इसके अलावा चुनाव को अधिक सशक्त बनाने के लिए 243 पर्यवेक्षक, 38 पुलिस पर्यवेक्षक और 67 व्यय पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं।

उन्होंने बताया कि 4.53 लाख मतदानकर्मी, 9.6 हजार सेक्टर अधिकारी, 17.8 हजार माइक्रो पर्यवेक्षक, 4.8 हजार मतगणना से जुड़े माइक्रो पर्यवेक्षक, 28.3 हजार मतगणना कर्मी, 2.5 लाख पुलिस अधिकारी, 90712 आंगनवाड़ी सेविका नियुक्त की गई है। इनकी कुल संख्या 8.5 लाख है।

उन्होंने मतदान के अंतिम समय में आंकड़ों में होने वाली वृद्धि पर भी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि अंतिम समय में मतदान केन्द्रों पर अधिक संख्या में मतदाता उपस्थिति के कारण अधिकारी समय से डेटा को ईसीआई ऐप पर अपडेट नहीं कर पाते थे और इसके कारण यह स्थिति उपस्थित होती थी। अब चुनाव समाप्ति पर इसे करना अनिवार्य कर दिया गया है और ऑफलाइन सुविधा भी दी गई है कि ऑनलाइन आने पर डेटा अपडेट हो जाए।

बुर्का नशीन महिलाओं की पहचान को लेकर आयोग ने कहा कि हर मतदान केन्द्र में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी रहेंगी। आवश्यकता पड़ने पर उनके माध्यम से जांच की जा सकती है। उन्होंने बताया कि मतगणना से जुड़े हुए दो प्रमुख बदलावों की जानकारी दी। अब से अगर किसी स्थान पर वोटिंग मशीन और मतदाताओं की संख्या मैच नहीं करती तो वीवीपैट से गिनती की जाएगी। ऐसा मोक पोल के दौरान हुई वोटिंग को भूल वश नहीं हटाए जाने से होता है। वहीं पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी होने तक वोटिंग मशीन से होने वाली अंतिम दो चरणों की गिनती नहीं होगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा

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