हरकी पैड़ी क्षेत्र में गंगा तल में दिखीं ब्रिटिश कालीन रेल पटरियां

युगवार्ता    06-Oct-2025
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गंगा में दिखती रेल की पटरी


हरिद्वार, 6 अ्क्टूबर (हि.स.)। हरकी पैड़ी पर इन दिनों गंगा का दृश्य पूरी तरह से बदला हुआ है। पानी न होने की वजह से वार्षिक सफाई और मरम्मत के लिए जल प्रवाह रोके जाने के बाद गंगा का तल बिलकुल साफ नजर आ रहा है। इस दौरान गंगा की तलहटी में ब्रिटिश कालीन रेल की पटरियां दिखाई दीं, जो श्रद्धालुओं और पर्यटको के लिए आकर्षण और हैरत का विषय बनी हुई हैं।

इतिहासकारों के अनुसार ये रेल पटरियां 19वीं सदी के मध्य में गंगनहर के निर्माण के दौरान बिछाई गई थीं। उस समय इन्हें निर्माण सामग्री ढोने के साथ ब्रिटिश इंजीनियर निरीक्षण के लिए उपयोग करते थे। यह नैरो गेज रेलवे लाइन थी। जिस पर हाथगाड़ी चलाई जाती थी। गंगनहर, जिसे लॉर्ड डलहौजी के कार्यकाल में इंजीनियर कोटले की देखरेख में बनाया गया था, ब्रिटिश इंजीनियरिंग का एक बेहतरीन उदाहरण है।

दरअसल, उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने हरकी पैड़ी से बहने वाली गंगनहर की वार्षिक सफाई और मरम्मत के लिए जल प्रवाह रोक दिया है। इससे

गंगा की तलहटी में पड़ी इन पटरियों को देखकर श्रद्धालु और पर्यटक हैरान हैं।

यूपी सिंचाई विभाग के एसडीओ भारत भूषण ने बताया कि गंगा के जल प्रवाह को हर साल दशहरा से दीपावली के बीच रोका जाता है, ताकि गंगनहर की सफाई और मरम्मत की जा सके। इस दौरान गंगा की तलहटी में ये ब्रिटिश कालीन धरोहर नजर आती है, जो उस समय की इंजीनियरिंग की कहानी बयां करती है। हरिद्वार से निकलकर कानपुर तक जाने वाली गंगनहर में निर्माण के बाद 1854 में जल प्रवाह शुरू हुआ। यह परियोजना ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में सिंचाई और परिवहन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। हरिद्वार से लेकर रुड़की तक इस नहर के निर्माण में इन पटरियों का उपयोग किया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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