ढिल्लों फ्रेट कैरियर की जबरदस्त गिरावट के साथ स्टॉक मार्केट में एंट्री, कमजोर लिस्टिंग के बाद लगा लोअर सर्किट

युगवार्ता    07-Oct-2025
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ढिल्लों फ्रेट कैरियर की कमजोर लिस्टिंग के बाद लगा लोअर सर्किट


नई दिल्ली, 07 अक्टूबर (हि.स.)। लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस कंपनी ढिल्लों फ्रेट कैरियर के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में जबरदस्त गिरावट के साथ एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को निराश कर दिया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 72 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग 20 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ 57.60 रुपये के स्तर पर हुई। लिस्टिंग के बाद बिकवाली के दबाव में थोड़ी ही देर बाद ये शेयर गिर कर 54.72 रुपये के लोअर सर्किट लेवल तक पहुंच गया। इस तरह पहले दिन के कारोबार में ही कंपनी के आईपीओ निवेशकों को 24 प्रतिशत का नुकसान हो गया।

ढिल्लों फ्रेट कैरियर का 10.08 करोड़ रुपये का आईपीओ 29 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से एवरेज रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 2.91 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 0.96 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 4.87 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 14 लाख नए शेयर जारी किए गए हैं। आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी कॉमर्शियल गाड़ियों की खरीदारी करने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें, तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 36 लाख रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 1.09 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 1.73 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी की आय 2 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 25.22 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

इस दौरान कंपनी पर कर्ज के बोझ में उतार-चढ़ाव होता रहा। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी का कर्ज 4.39 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में बढ़ कर 4.80 करोड़ रुपये हो गया। वहीं वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी का कर्ज घट कर 3.34 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। कंपनी के रिजर्व और सरप्लस की बात करें, तो वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में ये 1.33 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में घट कर 98 लाख रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में उछल कर 2.71 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक

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