नई दिल्ली, 07 अक्टूबर (हि.स.)। फार्मास्यूटिकल, बायोटेक और हेल्थकेयर इंडस्ट्री को टर्नकी इंजीनियरिंग सॉल्यूशंस प्रोवाइड कराने वाली कंपनी फैबटेक टेक्नोलॉजीज के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में फ्लैट एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को निराश कर दिया। निवेशकों की निराशा तब और बढ़ गई, जब लिस्टिंग के बाद बिकवाली के कारण कंपनी के शेयरों की गिरावट और बढ़ गई।
आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 191 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई पर इसकी लिस्टिंग बिना किसी बदलाव के 191 रुपये के स्तर पर ही हुई, जबकि एनएसई पर 1 रुपये के मामूली प्रीमियम के साथ 192 रुपये के स्तर पर हुई। लिस्टिंग के बाद बिकवाली का दबाव बन गया, जिसकी वजह से इस शेयर की चाल में गिरावट आ गई। पूरे दिन के कारोबार के बाद कंपनी के शेयर एनएसई पर 182.40 रुपये के स्तर पर और बीएसई पर 182.30 रुपये के स्तर पर बंद हुए। इस तरह पहले दिन के कारोबार में कंपनी के आईपीओ निवेशकों को लगभग 4.50 प्रतिशत का नुकसान हो गया।
फैबटेक टेक्नोलॉजीज का 230.35 करोड़ रुपये का आईपीओ 29 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से एवरेज रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 2.04 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 2.02 गुना सब्सक्राइब हुआ था। वहीं नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 1.97 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 2.09 गुना और एंप्लॉयीज के लिए रिजर्व पोर्शन 2.01 गुना सब्सक्राइब हुए थे। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 1,20,60,000 नए शेयर जारी किए गए हैं। आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपनी वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।
कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 21.58 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 27.22 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 46.33 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी की आय 46 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 335.94 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गई।
इस दौरान कंपनी पर कर्ज के बोझ में उतार-चढ़ाव होता रहा। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी का कर्ज 34.29 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में घट कर 9.88 करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी का कर्ज बढ़ कर 54.62 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। कंपनी के रिजर्व और सरप्लस की बात करें, तो वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में ये 86.18 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में बढ़ कर 128.94 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में उछल कर 140.72 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक