नई दिल्ली, ०7 अक्टूबर (हि.स.)। इंडियन ऑयल न्यू दिल्ली 2025 वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप रविवार को शानदार अंदाज़ में संपन्न हुई। 100 से अधिक देशों के 2200 से ज्यादा खिलाड़ियों की भागीदारी वाले इस ऐतिहासिक आयोजन में भारत ने अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 22 पदक (6 स्वर्ण, 9 रजत, 7 कांस्य) जीते। यह पहली बार था जब भारत ने इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता की मेज़बानी की, और आयोजन की गुणवत्ता ने दुनिया को प्रभावित किया।
खेल जगत के दिग्गजों और अंतरराष्ट्रीय पैरा एथलीट्स ने माना कि इस आयोजन ने भारत की छवि को “नई ऊँचाई” पर पहुँचा दिया है। मशहूर जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, जिसने 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स की भी मेज़बानी की थी, अब एक बार फिर भारत की आयोजन क्षमता का प्रतीक बन गया।
नीदरलैंड्स की फ्ल्योर जोंग—छह बार की विश्व चैंपियन और पैरालंपिक पदक विजेता—ने लंबी कूद और 100 मीटर टी64 वर्ग में दो स्वर्ण जीतते हुए कहा, “भारत में मेरा अनुभव शानदार रहा। यहाँ की मेहमाननवाज़ी और आयोजन विश्वस्तरीय थे।”
भारत की पैरा खेल आइकन दीपा मलिक ने कहा, “यह देश में पैरा स्पोर्ट्स का सबसे बड़ा उत्सव था। भारत अब न केवल आयोजन के स्तर पर, बल्कि सोच के स्तर पर भी समावेशी बन चुका है। हम 2036 के लिए पूरी तरह तैयार हैं।”
पैरा कोच अमित सरोहा ने इस आयोजन को “भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय इवेंट” बताया और कहा कि देश अब पैरालंपिक गेम्स की मेज़बानी के लिए सक्षम है।
तीन बार के विश्व चैंपियन सुमित अंतिल ने कहा कि “टीओपीएस योजना ने भारतीय पैरा एथलीट्स के प्रदर्शन में क्रांतिकारी बदलाव लाया है।”
जर्मनी के मार्कस रेम, कनाडा के ग्रेग स्टीवर्ट और अमेरिका के डेरेक लोसीडेंट ने भी भारतीय मेज़बानों की प्रशंसा करते हुए आयोजन को “अविस्मरणीय अनुभव” बताया।
भारत अब कतर, यूएई और जापान के बाद चौथा एशियाई देश बन गया है जिसने इस प्रतिष्ठित चैम्पियनशिप की मेज़बानी की। इस आयोजन ने न केवल भारत की खेल-आयोजन क्षमता को वैश्विक मंच पर मजबूत किया है, बल्कि देश को पैरा स्पोर्ट्स में एक नई पहचान भी दिलाई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे