क्वांटम मैकेनिक्‍स के लिए तीन वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से भौतिकी का नोबेल पुरस्कार

युगवार्ता    07-Oct-2025
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नोबेल पुरस्कार विजेता


नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (हि.स.)। बेहद छोटे स्तर (इलेक्ट्रोन के स्तर) पर दुनिया बदल जाती है और कुछ अजीब-सी घटनायें होती हैं। क्वांटम दुनिया की ये घटनायें कुछ बड़े स्तर पर भी संभव हैं। इस बार का नोबेल पुरस्कार यही साबित करने वाले तीन वैज्ञानिकों को दिया जा रहा है। उनकी खोज से क्वांटम क्रिप्टोग्राफी, क्वांटम कंप्यूटर और क्वांटम सेंसर सहित क्वांटम प्रौद्योगिकी की अगली पीढ़ी को विकसित करने में मदद मिलेगी।

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के अनुसार “विद्युत परिपथ में मैक्रोस्कोपिक क्वांटम यांत्रिक सुरंग और ऊर्जा क्वांटीकरण की खोज के लिए” इस वर्ष जॉन क्लार्क, माइकल एच डेवोरेट और जॉन एम मार्टिनिस को संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है।

ब्रिटेन में जन्मे क्लार्क कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले में प्रोफेसर हैं। वहीं फ्रांस में जन्में डेवोरेट, येल विश्वविद्यालय के साथ-साथ कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सांता बारबरा में भी प्रोफेसर हैं। मार्टिनिस कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सांता बारबरा के प्रोफेसर हैं।

इस वर्ष के नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने हाथ में पकड़ने लायक एक बड़े विद्युत परिपथ के साथ प्रयोग किए और साबित किया इस स्तर की प्रणाली में क्वांटम यांत्रिक सुरंग और क्वांटाइज्ड ऊर्जा स्तर दोनों संभव हैं।

सामान्य दुनिया में ऊर्जा कम या ज्यादा होती है और दीवार के आर-पार जाना संभव नहीं है। वहीं, क्वांटम दुनिया में ऊर्जा पैकेज में आती है और यहां दीवार जैसी रुकावट को पार कर पाना संभव है। इसे ही क्वांटाइज्ड ऊर्जा स्तर और क्वांटम यांत्रिक सुरंग के रूप में जाना जाता है।

भौतिक शास्त्र में एक प्रमुख प्रश्न यह रहा है कि क्वांटम यांत्रिक प्रभावों को दर्शाने वाली किसी प्रणाली का अधिकतम आकार क्या हो सकता है। इसका कुछ हद तक उत्तर खोजने वालों को नोबेल दिया जाएगा। कंप्यूटर माइक्रोचिप्स में लगे ट्रांजिस्टर, हमारे चारों ओर मौजूद स्थापित क्वांटम प्रौद्योगिकी का एक उदाहरण हैं।

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के अनुसार पुरस्कार के तौर पर नोबेल डिप्लोमा, एक पदक और 1.1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर (12 लाख अमेरिकी डॉलर) दी जाएगी। पुरस्कार राशि तीनों विजेताओं में समान रूप से वितरित की जाएगी।

साल 1901 और 2025 के बीच भौतिकी में 119 बार नोबेल पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। इन्हें 230 वैज्ञानिकों को दिया गया है। इनमें से 5 महिलायें हैं। नोबेल भौतिकशास्त्र, रसायनशास्त्र, चिकित्सा, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र में दिया जाने वाला दुनिया का सबसे बड़ा व प्रतिष्ठित पुरस्कार है। सभी विधाओं में पुरस्कार विजेताओं को दिसंबर में अलफ्रेड नोबेल की मृत्यु की वर्षगांठ पर सम्मानित किया जायेगा। इन सभी को स्वीडन के महाराज सम्मानित करेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा

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