सोढानी कैपिटल की स्टॉक मार्केट में जोरदार एंट्री, मजबूत लिस्टिंग के बाद लगा अपर सर्किट

युगवार्ता    07-Oct-2025
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सोढानी कैपिटल की मजबूत लिस्टिंग के बाद लगा अपर सर्किट


नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (हि.स.)। फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म सोढानी कैपिटल के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में जोरदार एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को खुश कर दिया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 51 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग 56.86 प्रतिशत प्रीमियम के साथ 80 रुपये के स्तर पर हुई। लिस्टिंग के बाद हुई लिवाली के कारण कंपनी के शेयर थोड़ी ही देर में 84 रुपये के अपर सर्किट लेवल तक पहुंच गए। इस तरह पहले दिन के कारोबार में ही कंपनी के आईपीओ निवेशकों को 64.71 प्रतिशत का मुनाफा हो गया।

सोढानी कैपिटल का 10.71 करोड़ रुपये का आईपीओ 29 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से एवरेज रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 4.79 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 5.99 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 4.85 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 4.10 लाख नए शेयर जारी किए गए हैं। आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी मुंबई में ऑफिस की खरीदारी करने, म्यूचुअल फंड ऐप डेवलप करने, आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 1.20 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 2.21 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 2.18 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी की आय 29 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 4.13 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गई।

इस दौरान कंपनी पर कर्ज के बोझ में कमी आई। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी का कर्ज 7 लाख रुपये था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में घट कर 5 लाख रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में भी कंपनी का कर्ज 5 लाख रुपये के स्तर पर ही बना हुआ था।

कंपनी के रिजर्व और सरप्लस की बात करें, तो वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में ये 2.01 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में बढ़ कर 3.84 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में घट कर 1.16 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक

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