एसबीआई जैसे बैंक अधिग्रहण वित्तपोषण को संभालने में सक्षम: शेट्टी

युगवार्ता    08-Oct-2025
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ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में फिनटेक की भूमिका पर चर्चा करते एसबीआई के चेयरमैन


ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में फिनटेक की भूमिका पर चर्चा करते एसबीआई के चेयरमैन


मुंबई, 08 अक्‍टूबर (हि.स)। सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के चेयरमैन सीएस शेट्टी ने बुधवार को यहां कहा कि देश के सबसे बड़े ऋणदाता जैसी संस्थाएं अधिग्रहण संबंधी वित्तपोषण संभालने में सक्षम हैं।

एसबीआई के चेयरमैन ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा बैंकों को अधिग्रहण वित्तपोषण की अनुमति देने के हालिया निर्णय के बाद यहां वार्षिक ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (जीएफएफ 2025) कार्यकम के अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक के द्वारा दी गई विस्तारित संक्रमण अवधि को देखते हुए परिसंपत्ति प्रावधान की अपेक्षित ऋण हानि (ईसीएल) आधारित प्रणाली में बदलाव से बैंकों की बैलेंस शीट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

शेट्टी ने वार्षिक ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 के अवसर पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, हम विदेशी संस्थाओं का अधिग्रहण करने वाली भारतीय कंपनियों के लिए आउटबाउंड विलय और अधिग्रहण वित्तपोषण कर रहे हैं। मुझे लगता है कि एसबीआई जैसे बैंक अधिग्रहण वित्तपोषण में पारंगत हैं। ईसीएल पर एसबीआई के अध्यक्ष ने कहा कि देश का सबसे बड़ा ऋणदाता मॉडल के संदर्भ में तकनीकी रूप से तैयार है, लेकिन अभी भी कुछ समायोजन की आवश्यकता हो सकती है।

उन्‍होंने मुंबई में कहा, हमें लगता है कि जो लंबा संक्रमण काल दिया गया है, उसका बैंकों की बैलेंस शीट पर सीमित असर पड़ेगा। मौजूदा प्रावधान को हटाकर ईसीएल में बदलाव वित्त वर्ष 2026-27 में शुरू लागू होगा। बैकों को इसे पूरी तरह से अपनाने के लिए पांच साल का समय दिया गया है। एसबीआई अध्यक्ष शेट्टी ने एनपीसीआई के कार्यकारी निदेशक ग्रोथ राजोलासोहिनी के साथ बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों तक पहुंचने में फिनटेक की भूमिका पर चर्चा की। उन्‍होंने कहा कि डिजिटल समावेशन की बात किए बिना हम भारत में डिजिटल क्रांति की बात नहीं कर सकते।

शेट्टी ने कहा कि बैंकों को एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए दिए गए ऋण के संग्रह के लिए अपनी क्षमता में सुधार करने की जरूरत है। यूपीआई प्लेटफॉर्म अपनी सर्वव्यापी उपस्थिति और उपलब्ध डेटा के कारण मजबूत हैं। एसबीआई यूपीआई का उपयोग करने वाले व्यापारियों के लिए वित्तपोषण कर विकल्प विकसित करने पर काम कर रहा है।

उन्‍होंने कहा कि एसबीआई 52 करोड़ ग्राहकों को सेवाएं मुहैया कराता है। बैंक किसान क्रेडिट कार्ड को रुपे यूपीआई क्रेडिट के साथ जोड़कर कृषि ऋण वितरण के लिए यूपीआई के इस्तेमाल की संभावना भी तलाश रहा है। प्रधानमंत्री जन धन योजना के बारे में एसबीआई की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए एसबीआई के चेयरमैन ने कहा कि इसके तहत 15 करोड़ ग्राहकों को जोड़ा गया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

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