बीकानेर, 08 अक्टूबर (हि.स.)। एशिया की सबसे बड़ी महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में भारत और रूस के बीच सामरिक सहयोग और रक्षा साझेदारी की एक और महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में ‘इंद्र-2025’ (INDRA-2025) नामक संयुक्त सैन्य अभ्यास की औपचारिक शुरुआत हुई। यह अभ्यास 15 अक्टूबर 2025 तक चलेगा, जिसमें दोनों देशों की सेनाएं आतंकवाद-रोधी अभियानों, संयुक्त युद्धाभ्यासों और सामरिक समन्वय को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेंगी।
भारतीय सेना की ओर से मेजर जनरल संजय चंद्र कंदपाला ने कहा है कि भारत और रूस के बीच यह साझेदारी केवल हथियारों या तकनीक की नहीं, बल्कि भरोसे, परंपरा और समान मूल्यों की साझेदारी है। इंद्र-2025 हमारी उस भावना का प्रतीक है जो हमें आतंकवाद और वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों के विरुद्ध एकजुट करती है।”
रूसी पक्ष के प्रमुख मेजर जनरल आंद्रेई कोज़लोव ने कहा कि हम भारत के साथ दशकों से चले आ रहे अपने मित्रतापूर्ण संबंधों को अत्यंत सम्मान देते हैं। यह अभ्यास न केवल सैनिकों के प्रशिक्षण का अवसर है बल्कि एक साझा संदेश है कि रूस और भारत आतंकवाद के विरुद्ध कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।अभ्यास के दौरान दोनों देशों के सैनिक केवल युद्धाभ्यास ही नहीं, बल्कि संस्कृति, खेल और परंपराओं के स्तर पर भी एक-दूसरे से जुड़ रहे हैं। भारतीय जवानों ने रूसी दल के लिए पारंपरिक लोकनृत्य प्रस्तुत किया, वहीं रूसी सैनिकों ने अपने सैन्य गीतों और लोकसंगीत के माध्यम से दोस्ती का संदेश दिया। रक्षा सूत्रों के अनुसार, आने वाले वर्षों में इंद्र श्रृंखला को त्रिसेवा अभ्यास (Tri-Service Exercise) के रूप में विस्तारित करने की योजना है, जिसमें थल सेना, वायु सेना और नौसेना एक साथ भाग लेंगी। इससे भारत और रूस की सेनाएँ आधुनिक युद्ध के सभी आयामों — भूमि, वायु और समुद्र — पर संयुक्त रूप से काम करने के लिए और सक्षम बनेंगी।
उल्लेखनीय है कि महाजन की तपती रेत पर भारतीय और रूसी सैनिकों का एक साथ अभ्यास करना केवल एक सैन्य प्रशिक्षण नहीं, बल्कि विश्व को संदेश है कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए सामूहिक सहयोग ही एकमात्र मार्ग है।
“इंद्र-2025” इस मित्रता, सहयोग और रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक है — जहां भारत और रूस न केवल हथियार साझा करते हैं, बल्कि विश्व शांति, स्थायित्व और आतंकवाद-मुक्त भविष्य के लिए एक साझा दृष्टि भी रखते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव