उत्तर बंगाल में हुई तबाही का राज्य सरकार कराए आपदा मानचित्रण : किरेन रिजिजू

युगवार्ता    08-Oct-2025
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किरेन


कोलकाता, 08 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को पश्चिम बंगाल सरकार से आग्रह किया कि वह उत्तर बंगाल में हाल में आई भीषण बाढ़ और भूस्खलन से हुई तबाही का त्वरित आपदा मानचित्रण (फ्लड मैपिंग) कराए, ताकि राहत, पुनर्वास और दीर्घकालिक पुनर्निर्माण कार्य प्रभावी ढंग से किए जा सकें।

दो दिवसीय दौरे पर दार्जिलिंग और मिरिक पहुंचे रिजिजू के साथ दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट और विधायक नीरज जिंबा भी थे। उन्होंने बिजनबाड़ी, थानेलाइन और पुलबाजार जैसे सबसे अधिक प्रभावित इलाकों का दौरा किया, जहां मूसलाधार बारिश से छोटा रंगीत पुल ढह गया और कई सड़कों का अस्तित्व मिट गया।

पत्रकारों से बातचीत में बुधवार को रिजिजू ने कहा, स्थानीय प्रशासन, विधायक और सांसद जमीनी स्तर पर सराहनीय कार्य कर रहे हैं, लेकिन दीर्घकालिक समाधान के लिए राज्य सरकार को आपदा की वास्तविक सीमा का मानचित्रण कर नेतृत्व लेना होगा। केवल सही योजना बनाकर ही घरों, पुलों और सड़कों का पुनर्निर्माण संभव है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पूरी तरह तैयार है वित्तीय सहायता देने के लिए, लेकिन इसके लिए राज्य सरकार को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) प्रस्तुत करना होगा। रिजिजू ने विशेष रूप से पुलबाजार के छोटा रंगीत पुल के ध्वस्त होने का उल्लेख करते हुए कहा कि “राज्य को तत्काल डीपीआर तैयार करनी चाहिए ताकि केंद्र जल्द से जल्द सहायता भेज सके।”

केंद्रीय मंत्री ने इस विनाश को “अभूतपूर्व” बताते हुए कहा, “मैं दार्जिलिंग कई बार आया हूं, लेकिन इतनी भीषण तबाही कभी नहीं देखी। राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर केंद्र और राज्य को मिलकर पुनर्निर्माण और दीर्घकालिक पुनर्वास सुनिश्चित करना होगा।” उन्होंने कहा कि वह दिल्ली लौटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूरी रिपोर्ट सौंपेंगे।

दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट ने स्थिति को दिल दहला देने वाली” बताते हुए कहा कि बाढ़ में कई लोगों की जान गई, जिनमें एक युवक उपेंद्र भी शामिल है, जिसका शव तीन दिन बाद छोटा रंगीत नदी से बरामद हुआ। उन्होंने कहा, लोग अब भी इस त्रासदी के पैमाने को समझने की कोशिश कर रहे हैं।

बिष्ट ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि वह इस आपदा को आधिकारिक रूप से राज्य आपदा घोषित करे। उन्होंने कहा कि “राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए राज्य और केंद्र दोनों का संयुक्त प्रयास अनिवार्य है।”

रिजिजू और बिष्ट ने उपेंद्र को श्रद्धांजलि दी और पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें हरसंभव सहायता का भरोसा दिया।

प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार, भारी वर्षा की शुरुआत के बाद से दार्जिलिंग पहाड़ियों में अब तक 406 भूस्खलन की घटनाएं दर्ज हुई हैं, 546 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, 67 सड़कों को नुकसान पहुंचा है, 10 पुल ढह गए हैं और 59 जल आपूर्ति संपर्क बाधित हुए हैं। कम से कम 15 परिवारों के घर पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं और उन्हें अपने रिश्तेदारों या पड़ोसियों के यहां शरण लेनी पड़ी है। ------------------

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

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