पटना/ जयपुर, 09 अक्टूबर (हि.स.)। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने गुरुवार को पटना में कहा कि “पूरा देश यह जानना चाहता है कि बिहार के चुनाव में क्या होगा, क्योंकि यह चुनाव केवल बिहार तक सीमित नहीं है बल्कि देश के भविष्य की दिशा तय करेगा।”
अशोक गहलोत, जिन्हें कांग्रेस पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। गुरुवार को अपने पटना दौरे के दौरान पार्टी द्वारा आयोजित एक पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 'बीस साल विनाशकाल' अपने आप में एक बड़ा संदेश है।
गहलोत ने कहा कि पिछले बीस वर्षों में बिहार में सुशासन की भारी कमी रही है। उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार बार-बार पाला बदलते रहे, जिसके कारण राज्य में ठोस और निरंतर शासन नहीं हो पाया। बिना गुड गवर्नेंस के विकास, समस्याओं का समाधान और इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण संभव नहीं होता। यही कारण है कि बिहार सभी क्षेत्रों में पिछड़ गया है और उसकी दुर्दशा आज सबके सामने है।
राज्य सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार और मंत्रियों पर लगे गंभीर आरोपों का उल्लेख करते हुए गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री और मंत्रियों पर खुलेआम तथ्यात्मक आरोप हैं, फिर भी किसी का इस्तीफा नहीं हो रहा। ऐसा लगता है मानो प्रधानमंत्री ने यह नीतिगत निर्णय ले लिया है कि चाहे कुछ भी हो, किसी मंत्री का इस्तीफा नहीं लिया जाएगा। लोकतंत्र में यह प्रवृत्ति अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
गहलोत ने केंद्र सरकार की आर्थिक घोषणाओं की भी आलोचना की और कहा कि प्रधानमंत्री ने बिहार को 50 हजार करोड़ से लेकर 1.25 लाख करोड़ रुपये तक की सहायता की बात कही थी, लेकिन उसका धरातल पर कोई प्रभाव नहीं दिखता। “मोदी जी ने बिहार को 50 हजार करोड़, 60 हजार करोड़, 80 हजार करोड़ से लेकर 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपये तक की सहायता देने की बात कही थी, उसका क्या हुआ, यह किसी को नहीं पता।”
पत्रकार वार्ता के दौरान गहलोत और कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने एक बुकलेट भी जारी की, जिसमें बिहार की बीते 20 वर्षों की स्थिति और केंद्र सरकार की नीतियों का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी